निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के तहत कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मयंक अग्रवाल ने कहा है विधानसभा निर्वाचन 2023 की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, आदर्श आचरण संहिता लागू होने उपरांत कोई भी समाचार या विश्लेषण किसी भी मीडिया में पैसों या अन्य किसी कीमत पर प्रकाशित होता है तो पेड न्यूज माना जायेगा।
दमोह
पेड न्यूज को आंकने के लिए मानदंड
विशिष्ट समाचार पत्रों के एक ही पृष्ठ पर प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों की प्रशंसा करते हुए लेख दावा करते है, कि दोनों के एक चुनाव जीतने की संभावना है। समाचार में कहा गया है कि एक उम्मीदवार को समाज के प्रत्येक वर्ग का समर्थन मिल रहा है और वह निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतेगा। किसी उम्मीदवार से जुड़ी छोटी-छोटी घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर बार-बार कवरेज दिये जाने और या विरोधियों की खबरों को बिल्कुल भी कवर नहीं किया जाता है या ऐसे समाचार जिनमें बिना नाम लिए अभ्यर्थी का समर्थन किया गया हो पेड न्यूज माना जायेगा।
पेड न्यूज मामलों में कार्रवाई
नामाकंन दाखिल करने की तिथि से पेड न्यूज मामलों को ध्यान में रखा जायेगा। जिला/राज्य एम.सी.एम.सी. से संदिग्ध प्रकरण की सूचना प्राप्त होने पर रिटर्निग ऑफीसर 36 घंटों के भीतर अभ्यर्थी को नोटिस जारी करेगें और बताएगें की क्यों न व्यय को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाये। उन्होंने कहा अभ्यर्थी को जबाब देने के लिए 48 घंटों का समय दिया जायेगा, जवाब प्राप्त होते ही जिला एम.सी.एम.सी. शीघ्रता से निर्णय कर अभ्यर्थी को सूचित करेगी। जिला एम.सी.एम.सी. के निर्णय के विरुद्व जिला एम.सी.एम.सी. को सूचित करते हुए 48 घंटे में राज्य एम.सी.एम.सी. में अपील की जा सकेगी, राज्य एम.सी.एम.सी. 96 घंटे में निर्णय लेगी। राज्य एम.सी.एम.सी. के निर्णय के विरुद्व ई.सी.आई. में अपील के लिए 48 घंटे का समय होगा। ई.सी.आ.ई का निर्णय अंतिम होगा ।
पेड न्यूज पर राष्ट्रीय स्तरीय समिति
अपर महानिदेशक (न्यूज) सर्विस डिजीजन ऑल इंडिया रेडियो, नई दिल्ली। अपर महानिदेशक डीएवीपी, नई दिल्ली। प्रधान सचिव/सचिव (निर्वाचन व्यय के प्रभारी)। प्रधान सचिव (विधि)। प्रधान सचिव (राज्य/संघ राज्यो के क्षेत्रों के प्रभारी जहॉ से संदर्भ प्राप्त हुआ है)। प्रधान सचिव (सीसी एंड बीई डिवीजन के प्रभारी)। निदेशक/प्रधान सचिव/ उप सचिव (मीडिया प्रभाग)।
क्रमांक 1 और क्रमांक 2 पर संयोजक सदस्य संबंधित मंत्रालयों/विभागों के द्वारा किए गये नामांकन पर आधारित है ।
पेड न्यूज के स्थापित मामले
डीआईपीआर/डीएव्हीपी दरों के आधार पर इसका वास्तविक या अनुमानित व्यय उम्मीदवार व्यय के चुनाव व्यय खातों में जोड़ा जाता है।
प्रारुप 1 में साप्ताहिक रिपोर्ट नामांकन दाखिल करने की तिथि से प्रत्येक शुक्रवार को आयोग के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद, प्रारुप 2 में सभी पुष्टि किये गये मामले सभी सहायक दस्तावेजों के साथ सीईओ द्वारा आयोग को प्रस्तुत किये जायेगें। प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया का नाम, पेड न्यूज आइटम के सभी विवरणों के साथ आयोग द्वारा भारतीय प्रेस परिषद् और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) को भेजा जाएगा।
पम्पलेट/पोस्टर/हैण्डबिल की जॉच
आर.पी. एक्ट 1951 की धारा 127 के अनुसार पंपलेट, पोस्टर, हेण्डबिल आदि में प्रकाशक एवं मुद्रण के नाम एवं पता लिखा जाना अनिवार्य है। कोई भी व्यक्ति पंपलेट/पोस्टर का मुद्रण नहीं करेगा/न ही करवाएगा जब तक की प्रकाशक की पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित तथा 2 व्यक्तियों जो उन्हें जानते हो, द्वारा सत्यापित न हो । मुद्रक द्वारा घोषणा की प्रति जिला मजिस्ट्रेट को भेजना अनिवार्य है। प्रकाशन के 3 दिनों के भीतर मुद्रक प्रकाशित सामग्री की 4 प्रतियॉ, परिशिष्ट-ख, घोषणा परिशिष्ट-क प्रस्तुत करेगा। यदि ऐसा नही पाया जाता है तो एम.सी.एम.सी. इसे आर.ओ. के संज्ञान में लाएगी ताकि आवश्यक कार्यवाही की जा सके। मतदान के दिन तथा उससे एक दिन पूर्व राजनैतिक दल, अभ्यर्थी, संगठन या व्यक्ति द्वारा प्रिंट मीडिया में प्रकाशित कराये जाने वाले विज्ञापनों का एम.सी.एम.सी. से प्रमाणन अनिवार्य होगा।