मझौली तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खितौला पड़वार के सैकड़ों किसान इस समय गहरे संकट में हैं।
मझौली
धान की फसल पूरी मेहनत से तैयार करने के बावजूद, इन किसानों का फसल रजिस्ट्रेशन आज तक नहीं हो पाया जिससे वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)पर धान विक्रय से वंचित हैं।
किसानों की प्रमुख शिकायतें:फसल गिरदावली अब तक नहीं की गई, जिससे फसल का कोई सरकारी दस्तावेज तैयार नहीं हो सका।ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आपरेटर कथित रूप से पैसे की मांग कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि बिना अवैध भुगतान के रजिस्ट्रेशन करने से इनकार किया जा रहा है।
पटवारी द्वारा खेतों का मौके पर निरीक्षण नहीं कराया गया, जिससे प्रशासनिक रिकॉर्ड अधूरा रह गया है किसान कई दिनों से तहसील, पटवारी और खाद्य विभाग कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, पर कोई समाधान नहीं निकल पाया।
यह स्थिति न सिर्फ किसानों के संवैधानिक और आर्थिक अधिकारों का हनन है, बल्कि यह दर्शाती है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और MSP जैसी किसान हितैषी योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी गंभीर उपेक्षा का शिकार हो रही हैं।
गांव के किसान गनपत मिश्रा और रणजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने इस विषय में खाद्य निरीक्षक श्री सिद्धार्थ राय से बात की, तो उन्होंने यह जवाब दिया —आपके पास क्या प्रमाण है कि आपने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन या दस्तावेज़ जमा किए हैं?
किसानों का कहना है कि जब आवेदन देने के बाद रसीद नहीं मिल रही और कोई प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, तो वे क्या “प्रमाण” प्रस्तुत करें? यह व्यवहार किसानों के प्रति प्रशासनिक असंवेदनशीलता को उजागर करता है।
ग्रामीण किसानों ने तहसीलदार मझौली, जिला कलेक्टर जबलपुर और राज्य शासन से निम्नलिखित माँगें की हैं:
फसल गिरदावली का तत्काल मौके पर निरीक्षण कराकर सत्यापन कराया जाए।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बिना किसी अवैध शुल्क या रिश्वत के कराई जाए।
दोषी कर्मचारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
किसानों को MSP केंद्रों पर फसल विक्रय की सुविधा तत्काल प्रदान की जाए।
इनका कहना है कि तहसीलदार मझौली :तहसीलदार श्री दिलीप हनुमंत ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:यदि शासन द्वारा रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाई जाती है तो हम खितौला पड़वार में तुरंत गिरदावली कराएंगे। किसानों को MSP योजना से जोड़ा जाएगा और यदि किसी कर्मचारी द्वारा अवैध वसूली की शिकायत मिलती है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि किसानों की समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ कार्य किया जाएगा।