कलेक्टर हर्षिका सिंह ने निर्देशित किया कि सिकलसेल एवं एनीमिया के संबंध में प्रभावी कार्यवाही करे
मंडला
जागरूकता अभियान चलाते हुए लोगों को सिकलसेल एवं एनीमिया के लक्षण तथा आवश्यक सावधानी के संबंध में जानकारी प्रदान करें। उन्होंने इस संबंध में चौपाल आयोजित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. श्रीनाथ सिंह सहित संबंधित उपस्थित रहे।
श्रीमती सिंह ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्यकर्मी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित कर उन्हें सिकलसेल एवं एनीमिया के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करें। इन कार्यशालाओं में जनजाति समाज के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करें। स्थानीय भाषा में गीत एवं नुक्कड़-नाटकों के माध्यम से वातावरण तैयार करें। सिकलसेल एवं एनीमिया के लक्षण तथा सावधानियों के संबंध में पंचायत स्तर तक प्रचार सामग्री उपलब्ध कराएं। कलेक्टर ने कहा कि पंचायत स्तर पर टेस्ट कराने के संबंध में कार्ययोजना तैयार करें। सभी गर्भवती महिलाओं का एक सप्ताह में सिकलसेल एवं एनीमिया की जांच कराएं। आंगनवाड़ी में दर्ज 0 से 6 वर्ष के बच्चों की भी जांच कराएं। इसी तरह हाईस्कूल एवं हायरसेकंडरी स्कूल में दर्ज छात्राओं की भी जांच कराएं। उन्होंने कहा कि चिन्हित मरीजों के उपचार के संबंध में एक्सल सीट में केस हिस्ट्री तैयार करते हुए इनका विधिवत रिकॉर्ड संधारित करें। कलेक्टर ने जेनेटिक काउंसलिंग, दवाओं की उपलब्धता आदि के संबंध में भी विस्तार से चर्चा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए।
रक्तदान शिविर के लिए योजना तैयार करें
बैठक में कलेक्टर हर्षिका सिंह ने निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकासखंड स्तरीय रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए योजना तैयार करें। शिविर के लिए ग्रामों की मैपिंग करें। स्थलवार तिथियों का निर्धारण कर व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं तथा गांव-टोले तक मुनादी कराएं। रक्तदाताओं के रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर करें। अधिकारी, कर्मचारी भी स्वेच्छा से रक्तदान करें। कलेक्टर ने कहा कि रक्तदान शिविरों में कॉलेज, एनसीसी, एनएसएस एवं आईटीआई के छात्र, रोटरी क्लब, जन अभियान परिषद सहित अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं का भी सहयोग प्राप्त करें।