आदर्श आचार संहिता:भारत निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित कराने हेतु चुनावों में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिये कुछ नियम बनाये हैं।
जबलपुर मझौली
ये नियम कायदे “आदर्श आचार संहिता” कहलाते हैं। राजनीतिक दलों ने इन्हें मानने के लिये आम सहमति दी है तथा वे इसके सिद्धांतों का पालन करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
कांग्रेस-भाजपा के बैनर खलेआम उड़ा रहे नियमों की धज्जियां
जबलपुर जिले की मझौली से सिहोरा,जबेरा, विधानसभा को जोड़ने वाली वयस्तम रोड के कमानिया गेटों पर बीजेपी के राजनीतिक पोस्टर खुलेआम लगे हुए है।
जो कि साफतौर से आदर्श आचार संहिता का उल्लंधन है। इसके बाबजूद यह सारे बैनर अलग अलग जगह में लगे हुए है,
नगर परिषद कार्यालय मझौली से सिहोरा विधानसभा की ओर जाने वाले कमानिया गेट पर
तो वही वार्ड क्रमांक 12 में सीसी रोड निर्माण कार्य के भूमि पूजन वार्ड क्रमांक 8 शासकीय कन्या महाविद्यालय मझौली विष्णु बाराह मंदिर में भूमि पूजन तो वही वार्ड क्रमांक 1, और 2 की नवनिर्मित आंगनबाड़ी केंद्र सामुदायिक भवन एवं शासकीय प्राथमिक शाला वार्ड क्रमांक 1, वार्ड क्रमांक 5 सामुदायिक भवन बचैया रोड़ वार्ड क्रमांक 7 रामनगर कालोनी सामुदायिक, स्वास्थ्य केंद्र मझौली में चलने वाली एंबुलेंस 108 तो वार्ड क्रमांक 9 ,10 तो वही वार्ड क्रमांक 12 बावली मैं भूमि पूजन एवं लोकार्पण पत्थर लोकार्पण बीजेपी के राजनीतिक पोस्टर खुलेआम लगे हुए है।
जो कि साफतौर से आदर्श आचार संहिता का उल्लंधन है करते नजर आ रहे हैं।
आचार संहिता के नियमों के मुताबिक अब बिना अनुमति सरकारी स्थान पर राजनीतिक प्रचार प्रसार करना भारी पड़ सकता है. यदि संपत्ति स्वामी की इजाजत के बिना कोई भी व्यक्ति दीवार पर स्याही, पोस्टर आदि से कुछ भी अंकित करता है तो ऐसी स्थिति में संपत्ति निरूपण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
आचार संहिता के कुछ प्रमुख नियम कौन से हैं – अब बात करें आचार संहिता के कुछ प्रमुख नियमों की, तो एक बार चुनाव की घोषणा हो जाती है, तो आचार संहिता के तहत कोई भी सत्ताधारी दल सरकारी योजनाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमि पूजन भी नहीं कर सकता है।
आदर्श चुनाव संहिता को लागू किया जाता है, जिसकी मदद से चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से हो सके।
पालन नहीं करने पर क्या होते हैं परिणाम यदि कोई राजनीतिक दल या फिर राजनीतिक दल का कोई प्रत्याशी आदर्श आचार संहिता का पालन नहीं करता है, तो उस पर चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई की जाती है। उदाहरण के तौर पर, उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, यदि जरूरत पड़े तो आपराधिक मुकदमा भी दर्ज हो सकता है, वहीं नियमों के उल्लंघन पर जेल भी जाना पड़ सकता है।