ललितपुर सिंगरौली रेलमार्ग के लिए रेलवे द्वारा जिन किसानो की जमीं ली गयी है उनके आश्रितों को नौकरी नहीं दे रहा है
करीब चार साल सर जी एम जबलपुर रेलवे के चक्कर लगा रहे किसान और उनके आश्रितों ने 6 सितंबर से जी एम रेलवे जबलपुर के सामने धरना दिया जा रहा है। , 6 सितंबर को किसानो के बुलावे पर धरना प्रदर्शन मे अपने साथी कार्य करता जुगुल किशोर सिंह राजपूत मझोली जबलपुर के साथ पहुंचे। वहाँ पर देखा कि आर पी एफ टी आई को भेज कर पंडाल उखाड़ दिया। डरे सहमे किसानो और उनके आश्रितों को सहारा दिया। और उसके बाद रेल प्रशासन सक्रिय हुआ। उसने अपने गुर्गो को भेज कर मुलाकात के लिए प्रतिनिधि मंडल को बुलवाया। अधिकांश लोगों की असहमति के बाद भी दीपू सिंह प्रदीप पांडे मिलने गए। जी एम फिर भी नही मिला। और usne आंदोलन में फुट डालने की गरज से आवेदकों की लिस्ट मांग कर उलझा दिया। धरने में किसान नेता माननीय ईश्वर चंद्र तिरपाठो के आने से आये उत्साह के बाद किसानो व उनके आश्रितों को उम्मीद जगी। आज धरने का तीसरा और अंतिम दिन है। दूसरे दिन तो कुछ हुआ नहीं। ना कोई अधिकारी आया। नहीं कोई कार्य वाही ही आगे बढी। रेल प्रशासन् मुर्दाबाद के साथ नौकरी तो हम लेके रहेंगे के नारे लगे। मौके पर ड्यूटी में तैनात टी आई सिविल लाइन को धरना की परमिशन दिखाते हुए पंडाल नहीं लगाने के संबंध में उनसे सवाल करने पर वो दाएँ बाये झाकते नज़र आये।
किसान नेता माननीय ईश्वर चंद्र त्रिपाठी से जोरदार बहस भी हुयी।