विक्रेता एवं निर्माता कंपनी के एरिया मैनेजर और संचालक के विरूद्ध कृषि विभाग ने दर्ज कराई एफआईआर
जबलपुर
किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना के निर्देशानुसार उर्वरक के विक्रय में अनियमित्ता बरते जाने तथा प्रतिष्ठित ब्रांड का गलत उपयोग कर किसानों को भ्रमित करने और अनुचित लाभ अर्जित करने के आरोप में मेसर्स सरस्वती फर्टिलाइजर्स शहपुरा भिटौनी के संचालक राहुल राठौर, बायर फर्टिलाइजर, बड़वानी के एरिया मैनेजर रविन्द्र चौरसिया एवं संचालक बायर फर्टिलाइजर, तकली रोड़ बड़वानी के विरूद्ध शहपुरा थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
उप संचालक कृषि डॉ. एसके निगम से प्रकरण के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत दिनों शहपुरा स्थित उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का भौतिक सत्यापन, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं उर्वरक निरीक्षक शहपुरा मेघा अग्रवाल एवं विषय वस्तु विशेषज्ञ पाटन पंकज श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने बताया कि भौतिक सत्यापन के दौरान मेसर्स सरस्वती फर्टिलाइजर्स शहपुरा भिटौनी के प्रतिष्ठान पर ब्रांड नेम रासी सरदार फास्फेट सोलुबलाइजिंग बैक्टरिया आर्गेनिक सब्स्टीयूट ऑफ डीएपी कंपनी बायर फर्टिलाईजर प्राइवेट लिमिटेड बडवानी के 50-50 किलोग्राम के 100 बैग रखे पाये गये। इसकी सूचना उप संचालक कृषि एवं अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन को दी गई। अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन द्वारा पुनः निरीक्षण कर ब्रांड नेम राशि सरदार फास्फेट सोलुबलाइजिंग बैक्टीरिया (पीएसबी) आर्गेनिक सब्स्टीयूट ऑफ डीएपी के संबंध में पूछताछ की गई।
पूछताछ में पाया गया कि प्रतिष्ठान का लाईसेंस प्रबंधक निधि राठौर के नाम पर है, जबकि निरीक्षण के दौरान राहुल राठौर उपस्थित थे, जो प्रतिष्ठान पर संपूर्ण व्यवसाय संपादित करते हैं। श्री राठौर द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ सोर्स (ओ फार्म) प्रस्तुत किया गया, जो कि उर्वरक लाईसेंस में इंद्राज नहीं था। साथ ही ओ फार्म का परीक्षण उर्वरक निरीक्षक द्वारा किये जाने पर पाया गया कि पीएसबी का ब्रांड नेम रासी से विक्रय करने की अनुमति 7 अक्टूबर 2021 से प्राप्त है, परंतु बायर फर्टिलाइजर बडवानी द्वारा प्रचलित सरदार डीएपी के नाम का उपयोग करके रासी सरदार पीएसबी आर्गेनिक सब्स्टीयूट ऑफ डीएपी नाम का उपयोग किया गया है। निरीक्षण में बैग पर आवश्यक जानकारी जैसे बैच नम्बर मैन्युफेक्चिरिंग की तारीख, अधिकतम विक्रय मूल्य की जानकारी उल्लेखित नहीं पाई गई। उर्वरक निरीक्षक द्वारा इस उर्वरक का नमूना भी लिया गया तथा परीक्षण हेतु प्रयोगशाला प्रेषित किया गया।
उपसंचालक कृषि ने बताया कि बायर फर्टिलाईजर प्राइवेट लिमिटेड के तकली रोड जिला बडवानी के एरिया मेनेजर रविन्द्र चैरसिया द्वारा सरस्वती फर्टिलाइजर को यह उर्वरक उपलब्ध कराया गया था। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में बायर फर्टिलाईजर प्राइवेट लिमिटेड बडवानी के ब्रांड नेम का गलत उपयोग कर कृषकों को भ्रमित किया जा रहा था और व्यवसाय में अनुचित लाभ अर्जित किया जा रहा था।
श्री निगम के मुताबिक इस प्रकरण में उर्वरक निरीक्षक शाहपुरा मेघा अग्रवाल द्वारा प्रथम दृष्टया बायर फर्टिलाईजर, बडवानी के एरिया मेनेजर रविन्द्र चौरसिया द्वारा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 19 (सी) 2 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 (2) (डी) एवं धारा 7 का उल्लंघन पाया गया। इसी प्रकार विक्रेता द्वारा पंजीयन प्रमाण पत्र में अनुमोदित स्त्रोत प्रमाण पत्र के अलाावा अन्य निर्माताओं से उर्वरक प्राप्त कर व्यवसाय कर उर्वरक अधिनियम 1985 की धारा 8 का उल्लंघन किया गया था।