राहत एवं बचाव के प्रति सजग और संवेदनशील रहे अधिकारी
कलेक्टर श्री यादव ने बाढ़ आपदा के नजरिये से तैयारी व इंतजामों की, की समीक्षा
कटनी –
बारिश के मौसम के मद्देनजर संभावित बाढ़-आपदा के परिप्रेक्ष्य में आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभाग, अधिकारी और अमला अलर्ट मोड पर रहे। नागरिकों के हित में प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी संवेदनशील और सजग होकर दायित्व पूरा करें। सभी समय पर फोन उठाएं, रिस्पांस टाइम फास्ट होना चाहिए। ताकि किसी जरूरतमंद को समय पर मदद पहुंचाई जा सके। कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने यह निर्देश शुक्रवार को यहां कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से निपटने के लिए किये गये इंतजामों की समीक्षा के दौरान दिए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री अभिनय विश्वकर्मा, वनमंडलाधिकारी श्री गौरव शर्मा, अपर कलेक्टर साधना परस्ते एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहेरिया मौजूद रहे।
सक्रिय रहे कंट्रोल रूम
कलेक्टर श्री यादव ने बैठक में निर्देशित किया कि जिला स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम के साथ-साथ विकासखंड स्तर और नगर निगम में बनाये गये कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सक्रिय रहें। उन्होंने थाना स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाये जाने के निर्देश दिए। ताकि रात में भी किसी स्थान विशेष में जलप्लावन की स्थिति निर्मित होने पर तत्काल राहत एवं बचाव कार्य किया जा सके। कलेक्टर ने कहा कि कम से कम रिस्पांस टाइम में मौके पर पहुंच कर राहत पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा की किसी भी प्रकार की सूचना मिलते हीं सबसे पहले जिला कंट्रोल रूम और आपदा प्रबंधन ग्रुप को सूचित करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिला कंट्रोल रूम में बिजली विभाग के कर्मचारी की भी ड्यूटी लगाई जायगा।
जर्जर स्कूल व आंगनबाड़ी में न लगे कक्षायें
कलेक्टर श्री यादव ने नगर निगम सहित स्कूल शिक्षा विभाग, सभी एसडीएम, जनपद पंचायत सीईओ और लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि वे आपसी समन्वय से यह सुनिश्चित करें कि किसी भी जर्जर स्कूल व आंगनबाड़ी भवन में कक्षायें संचालित न हों। साथ ही चिन्हित जर्जर भवनों में कोई रहवासी न रहे। ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने अधिकारियों को दो टूक लहजे में निर्देशित किया कि चिन्हित जर्जर भवनों को खाली कराया जाना सुनिश्चित करें। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को 3 दिन के भीतर इस प्रकार के सभी भवनों का पुर्नसर्वेक्षण और सत्यापन करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कलेक्टर श्री यादव ने कहा कि निर्माणाधीन भवन, सड़क आदि निचले इलाकों में जहां जलभराव होता है, वहां बैरिकेटिंग कराई जाये। ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो।
समन्वय से करें कार्य
कलेक्टर श्री यादव ने सभी एसडीएम को निर्देशित करते हुये कहा कि पुलिस एवं होमगार्ड सहित संबंद्ध विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर व्यवस्थाओं को स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप चुस्त-दुरूस्त रखें। उन्होंने विजयराघवगढ़ व बरही क्षेत्र के बाणसागर बांध के बैक वाटर वाले क्षेत्र के गांवों में बाढ़ आपदा के नजरिये से ग्रामीणों को पुलिस, वन और होमगार्ड के संयुक्त भागीदारी से जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि निचले इलाकों और जहां पिछले वर्ष जलभराव हुआ था वहां राशन और उर्वरक की दुकानें न हों। राशन, खाद और शासकीय डबल लॉक केन्द्र तथा समितियों को ऐसे स्थानों में शिफ्ट किया जाये, जहां पानी न भरे ताकि किसी भी प्रकार की सामग्री खराब न हो।
पशुपालकों पर करायें एफआईआर
बैठक में कलेक्टर श्री यादव ने सड़कों में विचरण करने वाले आवारा घुमंतु पशुओं के मालिकों के विरूद्ध एफआईआर और जुर्माने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालकों का पता न चलने पर इन पशुओं को गौशालाओं में भिजवायें। उन्होंने नेशनल हाइवे के किनारे स्थित ग्राम पंचायतों के सचिवों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वाहनों के साथ हाइवे में पेट्रोलिंग करने की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने उपसंचालक पशुपालक डॉ. आर के सोनी को निर्देशित किया कि गौशाला और सड़क दुर्घटना में मृत पशुओं का वैज्ञानिक तरीके से निपटान कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके लिए पशु चिकित्सक की डयूटी लगाये। कलेक्टर ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत लगे वाहनों के नंबर जिला कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये ताकि इन वाहनों का सदुपयोग कर तत्काल मदद मुहैया कराई जा सके।
खतरनाक खदानों को करें चिन्हित
कलेक्टर श्री यादव ने जिला खनिज अधिकारी रत्नेश दीक्षित को निर्देशित किया कि वे पानी भरने वाली और खतरनाक स्वरूप की खदानों का स्थल भ्रमण कर उनका चिन्हांकन करें। ताकि इन खदानों में किसी भी प्रकार की दुर्घटना से जन और पशु हानि न हो।
सर्पदंश के मामलों में रहे संवेदशील
समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री यादव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि सर्पदंश के मामलों में पूरी संवेदनशीलता बरतें। अस्पतालों में एंटी वेनम इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता हो। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी हर समय मौजूद रहे। कलेक्टर ने ताकीद किया कि किसी भी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को बिना उनकी अनुमति के अवकाश न दिया जाये। साथ ही उन्होने पीएचई विभाग को निर्देशित करते हुये कहा कि सभी हैंडपंपों का क्लोरीनाईजेशन कराना सुनिश्चित करें ताकि दूषित पानी पीने से कोई भी व्यक्ति बीमार न पड़े।
करें मॉक ड्रिल
कलेक्टर श्री यादव ने पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों की संयुक्त भागीदारी से राहत और बचाव कार्य का मॉकड्रिल करने के निर्देश दिए ताकि कम समय में जरूरजमंदों को मदद पहुंचाई जा सके। उन्होंने निर्देशित किया कि पिछले वर्ष की बारिश में हुये जलभराव को देखते हुए ढीमरखेड़ा, बरही, बहोरीबंद, पान उमरिया क्षेत्रों में पहले से होमगार्ड तैनात रखें। साथ ही इन क्षेत्रों के निचले इलाकों में संभावित बारिश और बाढ़ के दौरान एसडीएम शीघ्र पहुंचकर एवं पुलिस बलों से समन्वय कर मोटर बोट, लाइफ जैकेट, रस्सा, ट्यूब, रबर बोर्ड, रेनकोट, डीपइाइविंग जैसे उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करें।
बैठक में सभी एसडीएम, नगर निगम आयुक्त नीलेश दुबे, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी शारदा सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह, सीएमएचओ डॉ. राज सिंह और सिविल शर्मा यशवंत वर्मा सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।