महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाये जा रहे पोषण पखवाड़ा के तहत आज मंगलवार जिले में स्थित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों एवं परियोजनाओं में समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन मॉड्यूल के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन तथा जीवन के प्रथम 1000 दिवस के महत्व पर केंद्रित गतिविधियों का आयोजन किया गया।
जबलपुर
इसके साथ ही माह के तीसरे मंगलवार पर आज सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में अन्न प्राशन दिवस भी आयोजित किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास मनीष सेठ ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के तहत मंगलवार को आयोजित की गई गतिविधियों का उद्देश्य छह माह से बारह माह तथा बारह से चौबीस माह के बच्चों में ऊपरी आहार प्रारंभ करना तथा उसका सतत फॉलो अप लेना, बच्चों का शारीरिक माप कर उनके पोषण स्तर का निर्धारण एवं चिन्हित कुपोषित बच्चों का सामुदायिक पोषण प्रबंधन कार्यक्रम में उनका पंजीयन तथा दवाइयाँ का वितरण करना है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सेठ ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में तृतीय मंगल दिवस पर आयोजित” अन्नप्राशन दिवस” के कार्यक्रमों में छह माह की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों का सामूहिक अन्नप्राशन किया गया। कार्यक्रमों में उपस्थित माता-पिता एवं अभिभावकों से बच्चों के आहार की बारम्बारता और उसकी प्रकृति के विषय में चर्चा की गई। उन्हें बताया गया की छह माह के बाद बच्चों का विकास तेजी से होता है और ऐसी स्थिति में केवल मां का दूध ही पर्याप्त नहीं होता। यही वह समय है जब बच्चों को ऊपरी आहार शुरू करने की आवश्यकता होती है।
पोषण पखवाड़ा के तहत मंगलवार को आंगनबाड़ी केन्द्रों में शारीरिक माप दिवस का आयोजन भी किया गया तथा बच्चों का वजन एवं ऊंचाई लेकर उनका पोषण स्तर ज्ञात किया गया। बच्चों के पोषण स्तर के संबंध में माता-पिता से चर्चा की गई बच्चों के पोषण स्तर के आधार पर माता-पिता तथा देखभालकर्ता को जरूरी सलाह और समझाइश दी गई। इसी प्रकार ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों में जहां वीएचएसएनडी दिवस का आयोजन किया गया वहां एएनएम की उपस्थिति में चिन्हांकित अतिकुपोषित बच्चों की भूख की जांच की गई तथा जांच में फेल हुये बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र रेफर किया गया। साथ ही नवीन चिन्हांकित मध्यम रूप से कुपोषित तथा अतिकुपोषित बच्चों को दवाओं का वितरण भी किया गया।