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Monday, June 23, 2025

अनुमति के बिना कोई भी शिक्षक किसी भी स्थिति में कोई भी प्राइवेट कोचिंग नहीं पढ़ाएगा

डमी शिक्षक के रूप में और खुद शिक्षा देने के कार्य के केसेस को हम बहुत ज्यादा गंभीरता से लेने वाले हैं और इस तरह के केसेस में एफ़.आई.आर. दर्ज करने की कार्रवाई होगी

दमोह

नियमों के उलंघन के लिए शिक्षक स्वयं व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे

उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इसकी व्यक्तिगत जवाबदारी संबंधित की होगी

जनसुनवाई के दौरान मीडियाजनों से चर्चा करते हुये कहा एक तरफ हम शिक्षकों की समस्याएं हल करने का पूरा प्रयास कर रहे है, आज की जनसुनवाई में सबसे ज्यादा आवेदन शिक्षकों के ही थे, उनको हल करने के लिए हमने 7 दिन का टारगेट दिया है। दूसरी तरफ शिक्षकों से हमारी अपेक्षा दो चीज़ो पर है, दो बहुत गंभीर विषय है, जिन पर मैं सभी शिक्षकों का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा, पहला यह है की किसी और व्यक्ति को किराये पर रख करके या किसी और व्यक्ति को शिक्षक के रूप में कार्य कराना डमी शिक्षक के रूप में और खुद शिक्षा देने का कार्य नहीं करना। इस तरह के केसेस को हम बहुत ज्यादा गंभीरता से लेने वाले हैं और इस तरह के केसेस में एफ़.आई.आर. दर्ज करने की कार्रवाई होगी। इस तरह के केसेस में जिन लोगों ने इसकी मॉनीटरिंग नहीं की है, उनके वेतन से पैसा वसूली करने की कार्रवाई होगी। इस तरह के केसेस यदि सामने आते हो और जांच में साबित होते हैं तो हम संबंधित शिक्षक को नौकरी से बर्खास्त करने की अनुशंसा करने की कार्रवाई करेंगे।

 

यह बहुत ही गंभीर मसला है, यदि कहीं से भी मेरे पास ऐसी शिकायत आई और दमोह हेल्पलाइन को हमने इसके लिए एक्टिवेट किया हुआ है, दमोह हेल्पलाइन पर इसके बारे में शिकायत की जा सकती है, कि कोई व्यक्ति किसी और डमी शिक्षक के माध्यम से शिक्षा दिलवा रहा है, तो हम ऐसे मसलों में बहुत कड़ी कार्रवाई करेंगे। कोई भी व्यक्ति इस तरह की हिम्मत बिलकुल ना करे, इस तरह का काम बिलकुल ना करे और यह एक आपराधिक विषय भी है। हम जो है अपनी जगह किसी ओर को भेज रहे है और ये शासकीय धन का गबन भी है, मानलो कि हमें सैलरी 50 हजार रूपये मिलती है और हम दूसरे व्यक्ति को 10 हजार रूपये देकर उससे पढ़ाई करवा रहे हैं, तो इसका मतलब यह है की सरकार हमको जो वेतन दे रही है, उसके बराबर हम काम बिलकुल नहीं कर रहे हैं, तो यह शासकीय धन का गबन भी है और इसके साथ-साथ मैं उन लोगों को भी चेताना चाहता हूँ की जो लोग इस तरह का काम करने के लिए राजी हो जाते हैं, जो व्यक्ति उनकी जगह पढ़ा रहे हैं वो भी इसमें इस अपराध के इस के पूरे भागीदार होंगे और उनके खिलाफ़ भी कार्रवाई हम लोग करेंगे। तो इस मामले में सभी शिक्षक बहुत सतर्कता बरते है और कोई ऐसा कदम ना उठाए जिससे की आचरण नियमों का उलंघन हो।

एक गाइडलाइन जारी की है जो कि मध्य प्रदेश शिक्षा संहिता और राज्य शासन द्वारा 2005 में जारी किए गए दिशा निर्देशों पर आधारित है, जिसमें बिल्कुल स्पष्ट रूप से प्रावधानित किया गया है कि कोई भी सरकारी शिक्षक सक्षम अधिकारी की बिना लिखित अनुमति के और उस निर्धारित संख्या में जो की नियमों के अंतर्गत निर्धारित है, उससे अधिक बच्चों को ट्यूशन घर पर प्राइवेटली नहीं पढ़ा सकता है, तो अब यदि मान लीजिए आगे 1 दिसंबर या उसके बाद किसी सरकारी शिक्षक को अपने घर पर प्राइवेट ट्यूशन किसी बच्चे को पढ़ानी है तो उन्हें मध्यप्रदेश शिक्षा संहिता और 2005 के निर्देशों के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त करना होगी, इस लिखित अनुमति में वह संख्या भी निर्धारित होगी कि वो अधिकतम कितने बच्चों को पढ़ा पाएंगे। इसके बाद यदि शिकायत प्राप्त होती है और कोई सरकारी शिक्षक प्राइवेटली बच्चों को प्राइवेट कोचिंग पढ़ाता हुआ मिलता है, ट्यूशन पढ़ाते हुए मिलते हैं, जिनके पास कोई अनुमति नहीं है या फिर अनुमति में जितनी संख्या दी है उससे ज्यादा संख्या में वो बच्चो को पढ़ा रहे है, तो ऐसी स्थिति में ऐसे शिक्षक के खिलाफ़ बहुत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह माना जाएगा की वो अपनी एनर्जी, अपना टाइम, अपना ज्ञान स्कूल में बच्चों को न देते हुए पैसों के लाभ के कारण ट्यूशन में अपने घर पर दे रहे है और हमारे स्कूल के बच्चों के साथ यह धोखाधड़ी मानी जाएगी।

समस्त सरकारी शिक्षको से आग्रह करते हुये कहा प्राइवेट कोचिंग हमको पढ़ाना ही नहीं चाहिए, हमारा काम है की हम स्कूल में बच्चों को पढ़ाएं, आपको पर्याप्त तनख्वाह सरकार देती है, आपको लगता है, आप स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास लीजिए। पहली चीज़ तो ये करना ही नहीं चाहिए और यदि हम ऐसा करते है तो नियमों के अंतर्गत हमको लिखित अनुमति लेना चाहिए और संख्या की भी अनुमति लेना चाहिए कि कितने बच्चे वहाँ पर पढ़ेंगे। अनुमति के बिना किसी भी स्थिति में कोई भी प्राइवेट कोचिंग नहीं पढ़ाएगा। यह बात बिल्कुल ध्यान रखें और यदि आगे चलकर ऐसा पाया जाता है तो नियमों के उलंघन के लिए आप स्वयं व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। इस पर हमारी ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इसकी व्यक्ति का जवाबदारी आपकी होगी।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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