जिस तरह वेब सीरीज ‘पंचायत’ में कलेक्टर मैडम सरपंच पति को फटकार लगाकर सार्वजनिक कार्यक्रम से दूर कर देती हैं, कुछ उसी तरह का प्लान राज्य सरकार ने भी बनाया है।
भोपाल
सरकार ने पंचायत सचिवों को एक निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास में उनकी भूमिका को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक है कि ग्रामसभाओं की बैठकों में महिला सरपंचों, पंचों की सक्रिय भागीदारी हो। ग्राम सभा की बैठकों का संचालन कोई सरपंच पति न करे। पति इन बैठकों में शामिल भी न हों। यदि कोई सरपंच पति या पंच पति ग्रामसभा की बैठकों में महिला सरपंचों या पंचों की जगह शामिल होता है तो संबंधित महिला सरपंच को पद से हटा दिया जाएगा। पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और पंचायतों में महिलाओं की अधिक प्रतिनिधित्व के उद्देश्य से जिला पंचायत और ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% पद आरक्षित किए गए थे। पंचायतों में निर्वाचन महिला प्रतिनिधियों में सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास में उनकी भूमिका को मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह आवश्यक है कि सभाओं की बैठकों में महिलाएं सरपंचों पंचों की सक्रिय भागीदारी हो महिला आरक्षित पदों पर निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के एवज में ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की बैठकों का संचालन उनके पूर्व पति एवं अन्य परिजन द्वारा किया जाना वर्जित है ।
यदि कोई सरपंच पति या पति महिला सरपंच एवं पंच के स्थान पर ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेता पाया जाता है तो संबंधित महिला सरपंच पंच के विरुद्ध पद से विधिवत हटाए जाने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी