कलेक्टर ने किया जनसुनवाई की व्यवस्था में परिवर्तन
नागरिकों से प्राप्त आवेदन के निराकरण की होगी नियमित समीक्षा
अब दो स्तर पर होगी सुनवाई
एक माह बाद भी निराकरण नहीं होने अथवा निराकरण से अंसतुष्ट आवेदकों की कलेक्टर करेंगे सुनवाई
जबलपुर
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने प्रत्येक मंगलवार को कलेक्ट्रेट में होने वाली जनसुनवाई की व्यवस्था में परिवर्तन किया है। नई व्यवस्था में शिकायत अथवा समस्या से संबंधित नागरिकों से प्राप्त आवेदनों की प्रथम सुनवाई सबंधित विभाग अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा की जायेगी। समस्या या शिकायत का एक माह बाद भी निराकरण नहीं होने अथवा निराकरण से अंतुष्ट आवेदकों की सुनवाई दूसरी बार कलेक्टर द्वारा की जायेगी।
जनसुनवाई की नई व्यवस्था में आवेदक को अपनी एक ही समस्या या शिकायत के निराकरण के लिये बार-बार आवेदन देने की आवश्यकता भी नहीं होगी। आवेदन का एक माह में निराकरण नहीं होने अथवा निराकरण से असंतुष्ट आवेदक पूर्व में प्रस्तुत आवेदन की पावती दिखाकर “आवेदन की समीक्षा” हेतु टोकन प्राप्त कर सकेंगे।
जनसुनवाई की नई व्यवस्था में आवेदक की सुनवाई दो प्रकार से होगी। पहली बार आवेदन प्रस्तुत करने वाले आवेदक की सुनवाई संबंधित विभाग अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा की जायेगी। प्रथम बार आवेदन प्रस्तुत करने के एक माह बाद निराकरण नहीं होने अथवा निराकरण से असंतुष्ट आवेदकों की सुनवाई स्वयं कलेक्टर करेंगे।
नई व्यवस्था के तहत जनसुनवाई में प्रथम बार आने वाले आवेदक से टोकन काउंटर पर आवेदन प्राप्त किये जायेंगे। इसके साथ ही प्रत्येक विभाग के भी अलग-अलग काउंटर लगाये जायेंगे और विभागवार बनाये गये काउंटर को सरल क्रमांक दिया जायेगा। जनसुनवाई में आये आवेदक से टोकन काउंटर पर आवेदन प्राप्त कर एक टोकन दिया जायेगा तथा उसे संबंधित विभाग के काउंटर पर सुनवाई के लिए भेजा जायेगा।
आवेदकों से प्राप्त आवेदन टोकन काउंटर से ही संबंधित विभाग के काउंटर पर पहुँचायें जायेंगे। सबंधित विभाग प्रमुख द्वारा आवेदक से टोकन प्राप्त कर उसे सुरक्षित रखा जाएगा और टोकन नंबर अनुसार बारी-बारी से आवेदकों की सुनवाई की जायेगी।
जनसुनवाई की नई व्यवस्था में विभाग अथवा कार्यालय प्रमुखों द्वारा यथासंभव आवेदक की समस्या का उसी समय निराकरण करने का प्रयास किया जायेगा तथा की गई कार्यवाही की जानकारी निर्धारित प्रपत्र पर दर्ज की जायेगी । सुनवाई के बाद विभाग अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा आवेदक को निर्धारित प्रारूप में पावती दी जायेगी। पावती लेने के बाद आवेदक वापस जा सकेंगे।
विभाग अथवा कार्यालय प्रमुख को सुनवाई के बाद पावती तीन प्रतियों में तैयार करनी होगी । इसकी पहली प्रति आवेदक को दी जाएगी तथा दूसरी प्रति को आवेदन के साथ संलग्न किया जायेगा। जबकि तीसरी प्रति कार्यालयीन रिकॉर्ड के लिए सुरक्षित रखी जायेगी।
आवेदक की सुनवाई के बाद कार्यालय प्रमुख द्वारा मूल आवेदन पावती की द्वितीय प्रति के साथ जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज करने के लिए जनसुनवाई शाखा को भेजा जायेगा।जनसुनवाई शाखा द्वारा आवेदन पत्र और प्रथम बार आवेदन के समय दिये गये निर्देश हेतु ज्ञाप को स्कैन कर पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा। पोर्टल पर अपलोड होने पर आवेदक को उसके आवेदन की प्राप्ति, निराकरण हेतु उत्तरदायी अधिकारी, अधिकारी का मोबाइल नंबर और निराकरण की तिथि के बारे में एसएमएस भी किया जायेगा।
जनसुनवाई में प्रथम बार प्रस्तुत आवेदन का एक माह में निराकरण नहीं होने अथवा निराकरण से असंतुष्ट होने पर कलेक्टर द्वारा ऐसे आवेदकों की सुनवाई कर पूर्व में प्रस्तुत आवेदन के निराकरण के संबंध में की गई कार्यवाही की समीक्षा की जायेगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर अथवा डिप्टी कलेक्टर भी यह सुनवाई कर सकेंगे। समीक्षा के दौरान संबंधित कार्यालय प्रमुख को संपूर्ण रिकॉर्ड के साथ उपस्थित रहना होगा।