नगर परिषद कार्यालय मझौलीखुल रहा रात्रि कालीन 10 बजे तक
मझौली जबलपुर
देर से आना…जल्दी जाना; ए साहिब ये ठीक नहीं…:कार्यालय खुलने का समय सुबह 9 बजे, पर अफसर और कर्मचारी पहुंचते हैं लेट,
नगर परिषद, जनपद शिक्षा केन्द्र,, रोजगार विभाग समेत पब्लिक डीलिंग वाले दफ्तरों का बिगड़ा हाल
देर से आना… जल्दी जाना… ए साहिब ये ठीक नहीं। साल 1993 में आई हिंदी बॉलीवुड फिल्म खलनायक का यह गाना जींद में सरकारी विभागों के कर्मचारियों पर बिल्कुल सटीक बैठ रहा है। सरकारी दफ्तरों में पहुंचने का समय सुबह 9 बजे का है लेकिन नगर परिषद स्थित सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी सुबह करीब 11 बजे दफ्तर पहुंच रहे हैं और शाम को पांच बजने से पहले ही निकल जाते हैं। कर्मचारियों और अधिकारियों की इस कार्यशैली से आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सभी सरकारी विभागों में समय पर नहीं पहुंचने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए मोहन यादव सरकार ने दो महीने पहले स्पेशल टीम का गठन किया था। उस टीम द्वारा अभी तक जिले में एक बार भी दबिश नहीं दी गई, जबकि यहां ज्यादातर सरकारी विभागों के कर्मचारी एक-एक घंटे लेट आते हैं।
सरकार द्वारा कोरोना के चलते बायोमीट्रिक पंचिंग बंद की गई है, और रजिस्टर में मैन्यूअली एंट्री होती है। इसका फायदा सरकारी कर्मचारी उठाते हैं और समय से एक-एक घंटे लेट आते हैं तो वहीं शाम को पांच बजने से पहले ही घर की तरफ निकल जाते हैं।
कोरोना के चलते बायोमीट्रिक हाजिरी है बंद, मैन्यूअली रजिस्टर मेें होती है एंट्री, काम के इंतजार में बाहर खड़े लोग परेशान सरकारी की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए यहां से ऑनलाइन आवेदन करवाए जाते हैं लेकिन नगर परिषद में कर्मचारी काफी देरी से आते हैं।
कार्यालय खुलने का समय सुबह 9 बजे का है तो 11 बजे तक कर्मचारियों का अनुपस्थित रहना कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है।
नगर परिषद: कार्यालय का समय- सुबह 9 बजे से खुलने का है पर 10 बजे पहुंचने के बाद मझौली निवासी सुमित ने बताया कि आधे घंटे बैठने के बाद भी, जब अंदर आवाज लगाकर दूसरे कर्मचारी से पूछते हैं तो कहा जाता है कि जिसकी सीट है वही काम करेगा और सीट पर कर्मचारी 12 बजे तक भी नहीं आते।
क्या कहते हैं उपयंत्री अमित बघेल
नगर परिषद कार्यालय में रात्रिकालीन पेंडिंग कार्य किये जा रहे हैं