मध्यप्रदेश में चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों की वादाखिलाफी
भोपाल
संचालक मत्स्य विभाग भोपाल की लापरवाही आई सामने जिला कलेक्टर के आदेशों की किस प्रकार से उड़ा जाती है धज्जियां है यह जीता जागता उदाहरण है भोपाल मध्यप्रदेश ।
मत्स्य विभाग भोपाल के द्वारा दिनांक 1/12/ 2021 से गठित जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में यह सिद्ध होता पाया गया है कि जनपद पंचायत फंदा मछली पालन विभाग भोपाल मछुआरों नीति के निर्देशों का पालन न करते हुए चंदेरी जलाशय में वंशानुगत मछुआरा समाज एवं स्थानीय सामीतियों को न देते हुए।
एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाते हुए आवंटित कर दिया गया।
आवंटन प्रक्रिया में ईटखेड़ी, मत्स्य उद्योग सहकारी संस्था, मर्यादित भोपाल के द्वारा मांझी मछुआरा समितियों के आवेदन पर विचार न करते हुए आवेदनों को रद्द कर दिया गया।
संस्था का संचालन एकल व्यक्ति द्वारा असंवैधानिक तरीके से किया जा रहा है।
शासन की मत्स्य पालन संबंधित योजनाओं का लाभ जलील मोहम्मद खान उर्फ नीलू मियां द्वारा प्राप्त किया जा रहा है।
जांच के दौरान किसी भी मांझी मछुआरा समाज के सदस्य का होना नहीं पाया गया है बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं।
सहकारिता विभाग द्वारा संस्था का संपूर्ण रिकॉर्ड जप्त कर सहकारिता अधिनियम के अनुसार समाप्त कर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना चाहिए। जनपद पंचायत फंदा मछली पालन विभाग भोपाल द्वारा मछुआरा नीति 2008 में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए चंदेरी जलाशय के आवंटन प्रक्रिया में ईटखेड़ी मत्स्य उद्योग सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल के आदेश पर विचार नहीं करते हुए शेष प्राप्त आवेदन पत्रों से वंशानुगत मछुआरा समूह स्थानीय समूह जनसमूह समिति में विचार किया जाकर चंदेरी जलाशय को पट्टे पर देने की कार्रवाई तत्काल कराई जानी चाहिए थी बावजूद इसके जांच के आदेशों के बाद भी कार्यालय कलेक्टर जिला अधिकारी भोपाल का आदेश जारी होने के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं।
इन अधिकारी की भूमिका पर सवाल खड़ा करती है।
जहां एक ओर मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जी के द्वारा लगातार मांझी मछुआरा समाज को पंचायतों को स्थानीय तालाबों के पट्टे देने की बड़ी बड़ी बाते बड़े बड़े मंचों से कही जा रही है वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश मत्स्य विभाग के सत्यप्रकाश सैनी.जिला मत्सय अधिकारी भोपाल सरकार मैं पदस्थ मछुआरा अधिकारी कर्मचारी की मिलीभगत से मांझी मछुआरा समाज को वंशानुगत अधिकारों से लगातार बंचित रखा जा रहा है।
सूत्रो के मुताबिक भरत सिंह संचालक मत्स्य विभाग. सत्यप्रकाश सैनी. जिला मत्सय अधिकारी भोपाल की जलील मोहम्मद खान उर्फ नीलू मियां से गहरी मित्रता के चलते मांझी मछुआरा समाज को वंशानुगत अधिकारों को दरकिनार करते हुए ! कलेक्टर भोपाल के आदेश के बाद भी कोई कारवाई नही की जा रही है लेकिन जलील मोहम्मद खान उर्फ नीलू मियां और भरत सिंह के संबंधों की वजह से विगत कई वर्षा मे भी कोई कारवाई नही की गई जो सिधे तौर पर जिला दंडाधिकारी के आदेश की अवहेलना है।
कलेक्टर के आदेश को दरकिनार करते जिम्मेदार अधिकारी
जलील मोहम्मद खान उर्फ नीलू मियां और भरत सिंह संचालक मत्स्य विभाग के बीच गहरी मित्रता के चलते मांझी मछुआरा समाज को वंशानुगत अधिकारों से बंचित रखा जा रहा है।
भोपाल कलेक्टर के आदेश के बाद भी कोई कारवाई नही की गई