26.8 C
Jabalpur
Friday, June 20, 2025

क्या देश मे नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत

आज देश मे सत्ता बदलने का समय आ गया है।श्रीमती इंदिरागांधी के समय जो तानाशाही का तरीका अपना कर देश की सत्ता पर काबिज रहने का जो उपाय और प्रयास किये गए थे वही प्रयास वर्तमान सरकार भी कर रही है

गणतंत्र विषेश 

झूठे वादे गरीबो को लुभाने के लिए फ्री अनाज,निजी आवास की रेवड़ी तथा मीडिया की स्वतंत्रता ,न्यायपालिका के अधिकारों में हस्तक्षेप ,कुछ पूंजीपतियों के इशारे पर psu संस्थानों की बिक्री ,सरकारी नॉकरियों में  छटनी सेना की भर्ती में हस्तक्षेप ,सरकारी बैंकों से असुरक्षित कर्ज देने का दबाव ये जाहिर करता है कि इन लुभावने जुमलों के आधार पर येन केन प्रकारेण सत्ता में बने रहो ।

समाज मे धर्म विभेद, जाती विभेद हिन्दू मुस्लिम में माइक्रो स्तर पर झगड़े ,मंदिर मस्जिद का विवाद ,इस प्रकार निम्न स्तर की सोच का क्रियान्वयन देश की पुरातन गंगा जमनी तहजीब को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।जिसके कारण देश आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है। देश पर जीडीपी का 93प्रतिशत कर्ज हो गया जो 30 था ।सड़को के निर्माण की लागत टोलटैक्स से वसूली जा रही है जो रोड टैक्स के अलावा है जिससे मालभाड़े में बढ़ोतरी हो रही है,पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर भारी exiseduty लगाई जा रही है ।राज्यों के हिस्से में भेदभाव किया जा रहा है ,ये  इस सरकार के आर्थिक मैनेजमेंट की कमियों को दर्शाता है ,         इन सब कमियों और नीतियों को देखते हुए इस देश की युवा शिक्षित पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।इसलिए अब इस देश को एक नए नेतृत्व की जरुरत है।इन तमाम कमियों के लिए देश की तमाम राजनैतिक पार्टिया बराबर की दोषी हैं ।इस सरकार ने जो शासन करने की जो दिशा दी है ,भविष्य में दूसरी पार्टियां इसका अनुशरण नहीं करेंगी इसकी क्या गारंटी  है ।इन तमाम पार्टियों को इसका ज्ञान हो गया है।इस देश मे बहुसंख्यक वोटर अशिक्षित, और गरीब है उसे वोट की ताकत का ज्ञान नहीं है ।वो पूरे साल तकलीफ में रहता है,और वोटिंग के दिन बिक जाता है  उसे उस दिन का खाने का खर्च पार्टियां उठा लेती हैं ।उसे अपने अनिश्चित भविष्य के साथ जीने की आदत हो गई है।और जो सम्पन्न वर्ग है उसे कैसे सुविधा लेनी है उसकी कला वो सीख गया है।।                          इससे जाहिर होता है कि तमाम राजनैतिक पार्टियां  कुछ दबंगों, पूंजीपतियों, और असामाजिक तत्वों का काकस बन गई हैं जो मिलकर सरकारी संसाधनों का और धन का उपभोग कर रहीं हैं।इसमें नॉकरशाह उनके साधन और धन उपार्जन साध्य बन गया ।इसका इलाज एक ही है जो  देश की युवा पीढ़ी सड़क पर उतरे और व्यक्तियों का चुनाव करे जिसकी छवि निर्दाग ,निष्कलंक शिक्षित हो  जो किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा न हो जिसे क्षेत्र विशेष में विशिष्टता प्राप्त हो उसे चुन कर लोकसभा ,विधानसभा में भेजे ।तभी इस देश को नई दिशा मिल सकेगी ।उसको जिताने के लिए जनता के बीच मे जाना पड़ेगा जैसे 1974 में शरद यादव को जन प्रतिनिधि के  रूप में भेजा था।                                  जहां तक चुनाव फण्ड की व्यवस्था का सवाल है एक रुपया एक वोट की पद्धति अपनानी पड़ेगी या जिले स्तर पर कॉलेज,स्कूल यूनिवर्सिटी स्तर पर छात्रों की कमेटी बनानी पड़ेगी जो जनता से सोशल मीडिया के माध्यम से चंदा इकट्ठा करके इसकी व्यवस्था करनी पड़ेगी ।काम कठिन है पर असम्भव नहीं है ।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

Latest News

Stay Connected

0FansLike
24FollowersFollow
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Most View