संबंधित थाना क्षेत्रांतर्गत उड़न दस्तों का किया गया गठन
दमोह
ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 यथा संशोधित एवं उक्त विषय में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्याय दृष्टांत रिट पिटीशन में पारित आदेश एवं उच्च न्यायालय खण्डपीठ जबलपुर द्वारा याचिका राजेन्द्र कुमार वर्मा विरूद्ध म.प्र. राज्य व अन्य में पारित निर्णय में ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के संबंध में जारी दिशा निर्देशों के कड़ाई से अनुपालन कराने तथा ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किये जाने के संबंध में प्रभावी कार्यवाही हेतु राज्य शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं। शासन के संज्ञान में आया है, कि विभिन्न धर्म स्थलों में निर्धारित डेसिबल का उल्लंघन करते हुए लाउडस्पीकर का उपयोग किया जा रहा है। इसी तारतम्य में जिले के धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डी.जे./सम्बोधन प्रणाली) के अनियंत्रित व नियम विरुद्ध प्रयोग पर नियंत्रण/ कार्यवाही हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये है।
जारी आदेश में कहा गया जिले के विभिन्न क्षेत्रों के लिये ध्वनि मानकों को क्रियान्वित करने के प्रयोजन के लिये औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय व शान्त क्षेत्रों/परिक्षेत्रों के क्षेत्रों को वर्गीकृत कर मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने के उद्देश्य से अपने अनुभाग क्षेत्रान्तर्गत ध्वनि मानकों को क्रियान्वित करने के प्रयोजन के लिये औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय व शान्त क्षेत्रों/परिक्षेत्रों के क्षेत्रों को वर्गीकृत कर मानकों का अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाये तथा क्षेत्रों को वर्गीकृत की जानकारी से म.प्र. शासन, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं कार्यालय को अवगत करायें। धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संबंध में दिये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाये तथा कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट को भेजना सुनिश्चित किया जाये।
निर्धारित डेसिबल का उल्लंघन कर बजाये जा रहे लाउडस्पीकर/डी.जे./संबोधन प्रणाली से होने वाले शोर के कारण मनुष्य के काम करने की क्षमता, आराम, नींद और संवाद में व्यवधान पडता है, कोलाहल पूर्ण वातावरण के कारण मानव शरीर में उसके दुष्प्रभाव पाये जा रहे हैं। लाउडस्पीकरों और हार्न के यहां तक कि निजी आवासों में भी इस्तेमाल पर व्यापक दिशा निर्देश सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय अंतर्गत जारी किए गए हैं। इस संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों के तारतम्य में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा भी मध्य प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण हेतु “एक्शन प्लान“ बनाये एवं लागू करने के निर्देश दिये गये हैं।
ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के नियम अनुसार नियमावली के शेडयूल में Ambient Air Quality Standards in respect of Noise के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों औद्यौगिक, वाणिज्यिक, रिहायसी व शांत क्षेत्र में दिन व रात के समय अधिकतम ध्वनि तीव्रता निर्धारित की गयी है। अतः उपरोक्त आदेश के पालन तथा ध्वनि प्रदूषण के संबंध में शिकायते प्राप्त होने पर त्वरित जॉच कर कार्यवाही निष्पादित करने हेतु जिला दमोह के संबंधित थाना क्षेत्रांतर्गत उड़न दस्तों का गठन किया गया हैं। इनमें थाने के प्रभारी, क्षेत्रीय अधिकारी म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सागर द्वारा नामित अधिकारी लैब असिस्टेंट संजय कुमार जैन, तथा थाना क्षेत्र के मुख्य नगर पालिका अधिकारी/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत शामिल हैं।
गठित उडनदस्तों द्वारा नियमित एवं आकस्मिक रूप से निर्धारित उपकरणों के साथ ऐसे धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थानों का औचक निरीक्षण, जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग होता हो, तथा प्राप्त शिकायतों की आकस्मिक जांच की जायेगी, तथा नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जावेगा। उडनदस्तों द्वारा जांच के निर्देश प्राप्त होने पर तत्काल जांच कर अधिकतम 03 दिवसों के अंदर समुचित जांच प्रतिवेदन संबंधित अनुविभाग के अनुविभागीय दण्डाधिकारी के समक्ष किया जायेगा।
गठित जिले के समस्त उड़नदस्तों का नोडल अधिकारी अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, दमोह को नामित किया गया है। समस्त उड़नदस्तों द्वारा अपनी औचक जांचों की रिपोर्ट संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगें। अनुविभागीय दण्डाधिकारी उपरोक्त जांच रिपोर्ट पर कार्यवाही कर उसकी मासिक जानकारी नोडल अधिकारी अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी दमोह के समक्ष प्रस्तुत करेगें।
इसके साथ ही उपरोक्त उड़नदस्ता दलों द्वारा ऐसे धर्म स्थलों की थानावार सूची बनायी जावेगी जहां उक्त नियमों/आदेशों का अनुपालन नहीं होना पाया गया है। संबंधित क्षेत्रों के अनुविभागीय दण्डाधिकारी गठित उडनदस्तों से प्राप्त अवैध लाउड स्पीकरों की सूची अनुसार उन्हें हटवाया जाना सुनिश्चित करेगें। संबंधित क्षेत्रों के अनुविभागीय दण्डाधिकारी उडनदस्तों से जांच रिपोर्ट/प्रतिवेदन प्राप्त होने पर दिये गये दिशा निर्देशानुसार कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगें।
किसी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी, जिसका ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 यथा संशोधित के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराने का दायित्व था, परन्तु उसके द्वारा ऐसा न करने के कारण किसी धार्मिक स्थल/सार्वजनिक स्थल अथवा कार्यकम में नियम विरुद्ध ध्वनि विस्तारक यंत्र/लाउडस्पीकर/डी.जे. प्रयोग में लाया गया हो तो जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध यथोचित अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी । यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।