कलेक्टर ने जारी किया आदेश
बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी भी नामांकित
जबलपुर
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने देवउठनी एकादशी और इसके बाद आने वाले विवाह मुहुर्तों पर बाल विवाह की रोकथाम के लिये आदेश जारी कर अनुभाग स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया है। अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यों की इन निगरानी समितियों में सबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, तहसीलदार, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं थाना प्रभारी को शामिल किया गया है।
कलेक्टर श्री सक्सेना ने जारी आदेश में तहसील स्तर पर सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, विकासखण्ड स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी भी नामांकित किया है। अनुविभाग स्तर पर गठित निगरानी समितियां अपने-अपने क्षेत्र में वैवाहिक मुहूर्तों पर आयोजित किये जाने वाले सामूहिक विवाह समारोह पर नजर रखेंगी तथा बाल विवाह की जानकारी मिलने पर तुरंत कार्यवाही कर ऐसे आयोजनों को रोकेंगी। इसके अलावा कहीं से भी बाल विवाह की सूचना मिलने पर उसे रोकने तत्काल प्रभावी कदम उठायेगी एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही करेगी।
कलेक्टर श्री सक्सेना द्वारा जारी आदेश में अनुभाग स्तर पर गठित निगरानी समितियों के दायित्व भी तय किये गये है। इन समितियों को अपने-अपने क्षेत्र में सेवा प्रदाताओं, कोर सदस्यों, जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों का लाडो अभियान के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन कर उनका संवेदीकरण करेंगी। निगरानी समितियों को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों चिन्हांकन का दायित्व भी सौंपा गया है, जहाँ बाल विवाह के आयोजन की संभावनाएं है। समिति को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों की सूची समिति द्वारा कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास तथा सबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारियों को सौपना होगा। इसके साथ ही इनके द्वारा बाल विवाह की रोकथाम हेतु चिन्हित क्षेत्रों में विभिन्न जनजागरण कार्यक्रम विशेष रूप से आयोजित किये जायेंगे तथा बाल विवाह न होने पाये इस हेतु विशेष निगरानी रखेंगी।
कलेक्टर श्री सक्सेना ने आदेश में निगरानी समितियों को अन्तर्विभागीय समन्वय से विवाह मुहूर्त के अवसर पर गावों अथवा चिन्हित क्षेत्रों में बाल विवाह न करने का परामर्श देने तथा बाल विवाह की सूचना देने हेतु स्थापित कन्ट्रोल रूम का दूरभाष नम्बर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिेय है। साथ ही पुलिस थाना, चाईल्ड हेल्पलाईन नम्बर 1098, कलेक्टर कार्यालय, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय, जिला एवं परियोजना कार्यालय महिला एवं बाल विकास तथा विभिन्न विभागों के स्थानीय अधिकारियों के दूरभाष नम्बर भी उपलब्ध कराने कहा है।
निगरानी समिति ऐसे संवेदनशील ग्रामों में बाल विवाह के रोकथाम के लिये प्रचार-प्रसार एवं सूचना तंत्र को रूप में ग्राम स्तरीय समितियों का गठन भी करेगी। इनमें ग्राम सरपंच, पंच, बीडीएस, ग्राम शिक्षक, ग्राम कोटवार आशा कार्यकर्ता, आगंनबाडी कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता आदि को शामिल होंगे। ग्राम स्तरीय ये समितियां जहाँ बाल विवाह को रोकने प्रचार-प्रसार में सहायक होगी, वहीं ग्राम में बाल विवाह के आयोजन की पूर्व तैयारियों पर नजर रखते हुए इसकी सूचना समय पूर्व तहसील स्तरीय समिति, थाना प्रभारी अथवा अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों की देते हुए ऐसे आयोजनों को रोकने का प्रयास करेंगी।
अनुभाग स्तरीय निगरानी समिति इन ग्राम स्तरीय समितियों का दायित्व भी सुनिश्चित करेंगी। इसके अलावा समिति चिन्हांकित क्षेत्रों में इनके कार्यक्रमों के आयोजनों को सुनिश्चित करते हुये कार्यक्रमों का अनुश्रवण करेगी तथा साथ ही तहसील एवं विकासखण्ड स्तर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु पृथक से सेल स्थापित करेंगी, जिसके प्रभारी अधिकारी का नाम एवं दूरभाष क्रमांक ग्राम स्तरीय समितियों तथा अन्य जिम्मेदार लोगों को उपलबा करायेंगी।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निगरानी समिति किसी भी स्तर से किसी क्षेत्र अथवा ग्राम में बाल विवाह होने की जानकारी मिलते ही इसे रोकने हेतु तत्काल प्रभावी कदम उठाकर ऐसे आयोजनों को रोकेगी। इसके साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अनुभाग स्तर पर उड़नदस्ता का गठन करेगें एवं बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर उड़नदस्ता द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
आदेश के मुताबिक क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी सामूहिक विवाह आयोजन की अनुमति इस शर्त पर जारी करेंगे कि आयोजन में वर की आयु 21 वर्ष तथा वधु की आयु 18 वर्ष से कम न हो तथा वर-वधु की सूची मय छाया चित्रों एवं आयु प्रमाण पत्र की सूची सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करने वाले संयोजक को अनुमति आवेदन के साथ प्रस्तुत करना होगी। आदेश में कहा गया है कि 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं एवं 21 वर्ष के बालक की जानकारी एकत्रित कर सूची तैयार की जाये तथा समय-समय पर उनकी निगरानी अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में एवं परियोजना अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, एवं पुलिस निरीक्षक की टीम द्वारा रखी जाये कि कहीं ऐसे बालक या बालिका का विवाह तो नहीं हो रहा है।
निगरानी समितियों से कहा गया है कि प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, बैण्ड, ट्रान्सपोर्ट एवं समाज के मुखियाओं हेतु विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन कर उन्हें बाल विवाह अधिनियम के प्रावधानों से अवगत कराया जाये तथा उम्र संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त कर परीक्षण के बाद ही सेवाएं प्रदान करने हेतु अनुरोध किया जाये। अनुभाग स्तर पर गठित निगरानी समितियों को बाल विवाह रोकथाम के प्रयासों एवं रोके गये विवाहों की जानकारी का प्रतिवेदन निर्धारित प्रारूप में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास कक्ष क्रमांक-107 कलेक्ट्रेट जबलपुर को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये गये है।