संवेदनशील क्षेत्रों में ग्राम स्तर पर समितियां बनेंगी
जबलपुर
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आज एक आदेश जारी कर 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया तथा वर्ष भर विभिन्न विवाह मुहुर्तों पर बाल विवाह होने की संभावनाओं एवं उनकी रोकथाम के मद्देनज़र जिले में अनुभाग स्तर पर संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों की अध्यक्षता में सात सदस्यों की निगरानी समितियां गठित की है। अनुभाग स्तर पर गठित निगरानी समितियों में संबंधित जनपद पंचायत के सीईओ, तहसीलदार, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं पुलिस थाना प्रभारी को सदस्य नियुक्त किया गया है।
आदेश में कलेक्टर ने अनुभाग स्तरीय समितियों को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी है, जहां बाल विवाह होने की संभावना हो। समिति ऐसे चिन्हित क्षेत्रों की सूची बनाकर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास तथा संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारियों को सौंपेंगी। इन क्षेत्रों एवं ग्रामों में बाल विवाह की रोकथाम हेतु विभिन्न जनजागरण के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे तथा बाल विवाह न हो पाये इस हेतु विशेष निगरानी रखी जायेगी।
अनुभाग स्तर पर गठित निगरानी समितियां बाल विवाह की रोकथाम हेतु संवेदनशील ग्रामों में ग्राम स्तरीय समितियां भी गठित करेंगी। इन समितियों में सरपंच, पंच, बीडीएस, ग्राम शिक्षक, ग्राम कोटवार, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता को शामिल किया जायेगा। ग्राम स्तरीय ये समितियां जहां बाल विवाह को रोकने के लिए प्रचार-प्रसार में सहायता करेंगी, वहीं ग्राम में बाल विवाह के आयोजनों की पूर्व तैयारियों पर नजर रखते हुए इसकी सूचना समय पूर्व तहसील स्तरीय समिति, थाना प्रभारी अथवा अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों को देकर ऐसे आयोजनों को रोकने का प्रयास करेंगी।
अनुभाग स्तर पर गठित समितियों को बाल विवाह की रोकथाम के लिये प्रभावी सूचना तंत्र विकसित करने, कण्ट्रोल रूम बनाने तथा कंट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने कहा गया है। इन समितियों को ग्राम स्तरीय समितियों के कार्य दायित्व सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। अनुभाग स्तरीय समितियां चिन्हांकित क्षेत्रों में इनके कार्यक्रमों का अनुश्रवण करेंगी तथा तहसील एवं विकासखंड स्तर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु अलग से सेल गठित करेंगी। गठित सेल के प्रभारी अधिकारी का नाम एवं दूरभाष क्रमांक ग्राम स्तरीय समितियों तथा अन्य जिम्मेदार लोगों को उपलब्ध करायेंगी। अनुभाग स्तरीय समितियां किसी भी स्तर से किसी क्षेत्र अथवा गांव में बाल विवाह होने की जानकारी मिलते ही तत्काल प्रभावी कदम उठाकर ऐसे आयोजनों को रोकेंगी।
आदेश में कलेक्टर ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को अनुभाग स्तर पर उड़नदस्ता दल का गठन करने के निर्देश दिये हैं। उड़नदस्ता दल द्वारा बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। ज्ञात हो कि राज्य शासन द्वारा जुलाई 2023 में जारी की गई अधिसूचना के माध्यम से तहसील स्तर पर अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, विकासखंड स्तर पर जनपद पंचायत के सीईओ एवं परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नामांकित किया गया है।
कलेक्टर द्वारा अनुभाग स्तरीय समितियों के गठन के जारी आदेश में कहा गया है कि ये समितियां खण्ड स्तर पर वैवाहिक समारोहों में सेवा देने वाले सेवा प्रदाताओं, जनप्रतिनिधियों एवं अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों का लाडो अभियान के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन कर उनका संवेदीकरण करेंगी।
अनुभाग स्तरीय निगरानी समितियों को संबंधित क्षेत्र के प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, बैण्ड पार्टी, ट्रॉसपोर्ट एवं समाज के मुखियाओं को कार्यशालाओं का आयोजन कर बाल विवाह अधिनियम के प्रावधानों से अवगत कराने तथा वर-वधु की आयु संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त कर परीक्षण उपरांत ही सेवायें देने का अनुरोध की करेगी।
आदेश के अनुसार अनुविभागीय दण्डाधिकारी इस शर्त पर सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन की अनुमति जारी करेंगे कि ऐसे आयोजनों में वर की आयु 21 वर्ष तथा वधु की आयु 18 वर्ष से कम न हो। सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन करने वाले संयोजक को अनुमति के लिये दिये जाने वाले आवेदन के साथ वर-वधु की सूची छाया चित्र एवं आयु प्रमाण पत्र संलग्न करने होंगे। अन्यथा सामूहिक विवाह आयोजित करने की अनुमति प्रदान नहीं की जायेगी।
कलेक्टर श्री सक्सेना ने आदेश में बाल विवाह के रोकथाम के प्रयासों एवं रोके गये बाल विवाहो की जानकारी का प्रतिवेदन निर्धारित प्रारूप में कलेक्ट्रेट के कक्ष क्रमांक 107 स्थित जिला कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।