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Friday, June 20, 2025

जल संसाधन से लेकर मत्स्य विभाग तक भ्रष्टाचार की गंध फैला रखी है मंत्री तुलसी सिलावट ने

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के कलेक्टर बेटे अमनवीर द्वारा एसपी सैनी के निलंबन आदेश पर सिलावट ने लगाई रोक

भोपाल

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले मंत्रियों की कार्यशैली पर मुख्यमंत्री जनता के सामने भले इन मंत्रियों की चाहे जितनी तारीफ कर लें लेकिन हकीकत कुछ और ही निकल कर आ रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री अब प्रदेश सरकार की अफसरशाही पर भारी पड़ने लगी है। इस बार मामला जुड़ा है प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के बेटे अमनवीर सिंह बैंस और जल संसाधन एवं मत्स्योद्योग मंत्री तुलसी सिलावट से। अमनवीर सिंह इस समय बैतूल कलेक्टर हैं और स्वभाव से वे अपने पिता इकबाल सिंह बैंस की तरह कठोर प्रशासक की छवि रखते हैं। बीते दिनों बैतूल जिले के घोडाडोंगरी में केज निर्माण कार्य में हुई घपलेबाजी के आरोप में अमनवीर सिंह ने तत्कालीन प्रभारी सहायक संचालक मत्स्योद्योग एसपी सैनी को निलंबित करने की सिफारिश की। शासकीय कार्य में भ्रष्टाचार के आरोपी रहे एसपी सैनी के निलंबन की जैसी ही सिफारिश कलेक्टर अमनवीर सिंह ने शासन से की। यह मामला तुरंत विभागीय मंत्री तुलसी सिलावट के पास पहुंचा। तुलसी सिलावट ने अपने व्यक्तियों को भेज भ्रष्टाचारी एसपी सैनी को उपस्थित होने को कहा। एसपी सैनी ने मंत्री सिलावट को 36 लाख रूपये के कार्य में हुए भ्रष्टाचार की संपूर्ण जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक मंत्री सिलावट ने एसपी सैनी से निलंबन आदेश रोकने के ऐवज में 50 लाख रुपये की मोटी रकम मांगी। रकम मिलते ही सिलावट ने जिला कलेक्टर की अनुशंसा के बाद भी भ्रष्टाचारी सैनी के निलंबन की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किये और सैनी पूरी वजनदारी के साथ ऑफिस कार्य में लगे हुए हैं।
*सभी विभागों में मचाया है भ्रष्टाचार का खुला खेल*
तुलसी सिलावट का यह पहला मामला नहीं है। तुलसी सिलावट ने जल संसाधन मंत्री रहते हुए भी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से ट्रांसफर पोस्टिंग के बदले लाखों करोड़ों रुपये बंदरवाट किया था। सिलावट की यह कारगुजारी बीते दिनों जनता के सामने भी सोशल मीडिया के माध्यम से आई। लेकिन सिलावट ने अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए मामले को अखबारों और टीवी चैनलों से दूर करवा दिया। यही नहीं धार जिले के कारम बांध निर्माण में भी जो भ्रष्टाचार हुआ था वो सिलावट के इशारों और इनकी देखरेख में ही अंजाम दिया गया था। कुल मिलाकर सिलावट को प्रदेश सरकार ने जिन दो विभागों की जिम्मेदारी सौंपी है, दोनों ही विभागों में मंत्री सिलावट भ्रष्टाचार मचाए हुए हैं।
*25 करोड़ से अधिक का किया था भ्रष्टाचार-* सूत्रों के मुताबिक जल संसाधन विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट और ईएनसी एमएस डाबर की लापरवाही से कारम बांध टूट गया। बांध टूटने से हजारों ग्रामीण परिवारों को अपना घर छोड़कर कई दिनों तक दूसरे स्थान पर रहना पड़ा। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा बांध निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिये बनाई गई जांच समिति की रिपोर्ट को तुलसी सिलावट ने अपने पास दबा रखी है। सिलावट ने निर्माण कार्य करने वाली कंपनी से पहले 25 करोड़ रुपये लिये फिर शासकीय नियमों को अनदेखा करते हुए गलत ढंग से ब्लैक लिस्टेड कंपनी को कार्य का ठेका दिया। यही नहीं जांच समिति की रिपोर्ट में भी कंपनी और मंत्री सिलावट को आरोपी बताया जा रहा है कि यही कारण है कि समिति के अन्य सदस्यों के निर्णय का विरोध करते हुए सिलावट ने जांच रिपोर्ट अपने पास दबा कर रख ली है।
*इकबाल सिंह बैंस से हो चुका है एक और मंत्री का टशन*
प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की कार्यशैली पर सिंधिया खेमे के एक अन्य मंत्री महेन्द्र सिंसौदिया ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कड़ा विरोध किया था। उन्होंने इकबाल सिंह बैंस को हिटलर करार दिया था। लेकिन जैसे ही मामला तूल पकड़ने लगा तो मंत्री सिसौदिया ने अपने बयान के संदर्भ को ही बदल दिया और इकबाल सिंह बैंस को बेहतर प्रशासक की संज्ञा दे दी। जबकि देखा जाये तो इकबाल सिंह बैंस एक साधारण छवि के प्रशासक है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैंस की मर्जी के बिना भी दिल्ली से उनके मुख्य सचिव पद पर एक्सटेंशन की फाइल को स्वीकृत करवा ली। ऐसे में अब इकबाल सिंह बैंस के बेटे के साथ सिंधिया खेमे के दूसरे मंत्री का यह विरोध कहीं भविष्य एक बड़ा राजनैतिक स्वरूप न ले ले जिसका नुकसान प्रदेश सरकार और भाजपा को उठाना पड़े।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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