पशुपालन एवं डेयरी विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल ने आज नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया।
जबलपुर
इस दौरान मंत्री श्री पटेल ने विश्वविद्यालय स्थित कुकुट विभाग, पंचगव्य उत्पाद इकाई, मिनरल मिक्सचर यूनिट, तथा डेयरी का निरिक्षण किया। जहां उन्होंने कड़कनाथ प्रजाति को बढ़ावा देने की बात कही जिससे कृषकों व ग्रामीण को इसका फायदा मिल सके। साथ ही इस प्रजाति को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पहचान मिल सके। पंचगव्य के उत्पाद देखकर मंत्री श्री पटेल ने कहा कि हर जिले में एक ऐसा स्थान चयनित कर बनाया जाना चाहिए, जहां पर की पंचगव्य से निर्मित उत्पादों को रखा जा सके, जिसे आम जनता तक पहुंचने में सुविधा हो तथा जो लोग उत्पाद निर्माण इकाई चला रहे हैं, उन्हें आमदनी हो सके। उन्होंने बताया कि हीफर गाय को किसानों को वितरण करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही बड़ी उम्र की गाय को रखने के लिए गौशाला में भेजने का प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने देसी गायों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। डेरी में एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी का उपयोग कर देसी साहिवाल नस्लो को देख कर खुशी व्यक्त की तथा ऐसे ही आधुनिक तकनीकों द्वारा अन्य ब्रीड का उत्थान करने की भी बात कही। निरीक्षण के दौरान मंत्री श्री पटेल ने गौ पूजन कर गायों को पशु आहार खिलाये।
मंत्री श्री पटेल ने किया पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कार्यों की समीक्षा –
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल ने विश्वविद्यालय के भ्रमण के बाद विश्वविद्यालय के कार्यों व उपलब्धियों के संबंध में समीक्षा बैठक की। जिसमें कुलगुरू डॉ मंदीप शर्मा सहित सभी संकायों के अधिष्ठाता मौजूद थे।
मंत्री श्री पटेल ने विश्वविद्यालय में चल रहे अनुसंधान के कार्य में और तेजी लाने के लिए प्रेरित किया तथा विश्वास दिलाया कि केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार पशुपालन के क्षेत्र में किसान की आय दुगनी करने के लिए हर संभव मदद करने तैयार है। उन्होंने अच्छी योजनाएं तथा परियोजनाओं के माध्यम से देसी गाय की नस्ल सुधार करने, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के कार्यों पर जोर डाला। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिलाने के लिए भी बात कही। साथ ही कहा कि छात्र-छात्राओं का इंटर्नशिप अलाउंस को भी बढ़ने का काम आने वाले दिनों में पूर्ण किया जा सकेगा। मंत्री श्री पटेल ने सभागार में उपस्थित प्राध्यापकों, वैज्ञानिकों को निर्देशित किया कि किसानो की आय दुगनी करने पशुपालन ही एक उत्तम विकल्प है, जिसके लिए वैज्ञानिकों को पशुधन एवं पशुपालकों के उत्थान के लिए और बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पशु संरक्षण के लिए गौशाला ही उपाय नहीं है इसके लिए नया रास्ता निकालें, जो पशुपालन व डेयरी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सके। उन्होंने बेसहारा जानवरों के प्रबंधन पर भी जोर दिया। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि गौ-प्रबंधन के लिए उत्साही नवयुवकों को आगे लायें जिससे गौ-पालन एक लाभ का धंधा बन सके। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। कुलगुरू श्री शर्मा ने विश्वविद्यालय में चल रही गतिविधियों के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से मंत्री श्री पटेल को अवगत कराया। मीटिंग के बाद कुलगुरू ने अंग वस्त्र, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर मंत्री श्री पटेल का सम्मान किया।
मंत्री श्री पटेल ने किया जिला अधिकारियों की बैठक कर विभागीय योजनाओं की समीक्षा –
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार पशुपालन एवं डेयरी श्री लखन पटेल ने आज नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के सभागार में संभाग के सभी जिलों के उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पशु संगणना पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही बालाघाट के गौ-फार्म, नरसिंहपुर के बकरी फार्म के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान फार्म को सुरक्षित रखने के लिए फैंसिंग कराने के निर्देश देकर कहा कि जहां अतिक्रमण किया जा चुका है वहां सीमांकन कराकर अतिक्रमण मुक्त कराने को कहा। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि बीमार पशुओं के उपचार के लिए टोल फ्री नंबर 1962 का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। बकरी के कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ायें, कड़कनाथ को प्रोत्साहित करें। गौशालाओं में गौ प्रबंधन सुव्यवस्थित रूप से करें। आवारा मवेशियों के प्रबंधन की दिशा में भी प्रभावी कार्यवाही करें। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि नस्ल सुधार की दिशा में प्रभावी कार्यवाही कर पशुपालन व डेयरी को लाभ का व्यवसाय बनायें।