कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना की अधक्षता में आज आदि कर्मयोगी अभियान अंतर्गत रिपॉन्सिव गवर्नेंस प्रोग्राम की बैठक आयोजित की गई।
जबलपुर
जिसमें बताया गया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनजाति विकास और परिवर्तन के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं को सशक्त करना है। जो जमीनी स्तर पर शासन के पुनर्निर्माण और जनजाति मूल्यों से प्रेरित होगी। यह अभियान धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान से जुड़ा है। इसमें जनजातीय समुदाय को अंतिम छोर तक सेवा प्रदान कर विकसित भारत के निर्माण में सहभागी बनाना है। इस दौरान कहा गया कि इन ग्रामों में जनजातीय गौरव दिवस 15 नवम्बर तक योजनाओं का शत प्रतिशत सेचुरेशन हो जाये। ग्रामीण स्तरीय विजन प्लान का निर्माण हो जाये। आदि सेवा केन्द्र की स्थापना एवं संचालन सुनिश्चित हो जाये। साथ ही साप्ताहिक जनसुनवाई के माध्यम से समस्याओं का निराकरण किया जाये। योजना के क्रियान्वयन के लिए तीन कैडर बनाये गये हैं। जिसमें आदि कर्मयोगी में विभागीय जिला ब्लॉक एवं पंचायत स्तरीय के अधिकारी-कर्मचारी होंगे, आदि सहयोगी में स्थानीय शिक्षक, चिकित्सक और युवाओं को शामिल किया गया है तथा आदि साथी में एसएचजी की महिलाएं, आदिवासी बुजुर्ग एवं वालिंटियर्स को रखा गया है। इस कार्यक्रम के लिए 1 सितम्बर को जिला स्तरीय संबंधित विभागों का ओरियंटेशन कार्यक्रम रहा तथा 2 से 4 सितम्बर तक विकासखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स के जिला स्तरीय प्रशिक्षण व ओरियंटेशन कार्यक्रम किये जायेंगे। इस दौरान मुख्य रूप से ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स का क्षमता निर्माण, अंतर विभागीय समन्वय और सहयोग, समुदाय आधारित प्रक्रियाओं का व्यावहारिक अनुभव, जनजातीय सशक्तिकरण पर ध्यान केन्द्रित करना है। बैठक में बताया गया कि राज्य, जिला व विकासखंड स्तर पर इस कार्यक्रम के परिणामों की नियमित समीक्षा की जा रही है। इस संपूर्ण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सीईओ जिला पंचायत को बनाया गया है तथा सहायक नोडल अधिकारी सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग होंगे। विकासखंड स्तर पर सीईओ जनपद नोडल अधिकारी होंगे। बैठक के दौरान कहा गया कि आदि कर्मयोगी डेशबोर्ड के माध्यम से रियल टाइम निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है, जो प्रगति को ट्रैक करने, अवरोधों की पहचान करने और समय पर सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने में मदद करेगी। जिले के 7 विकासखंडों के 171 ग्रामें को इस अभियान अंतर्गत चिन्हित किया गया है जिसमें कुंडम के 91 ग्राम, जबलपुर के 37, शहपुरा के 18, पनागर, मझौली और सिहोरा के 7-7 ग्राम एवं पाटन के 4 ग्राम शामिल है। बैठक में कहा गया कि आदि कर्मयोगी अभियान को लेकर ग्राम सभा के साथ अलग-अलग दिवसों पर बैठकों का आयोजन किया जाये। जिसमें सभी के लिए आवास, बेहतर स्वच्छता एवं स्वच्छ जल की उपलब्धता, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ाव, दूरसंचार कनेक्टिविटी, व्यापक शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, गांव का सड़क से जुड़ाव, सुरक्षित एवं उन्नत आजीविका व अन्य बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करना है। कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि जबलपुर में चयनित 71 आदिवासी बहुल्य ग्रामों में उत्तरदायी, पारदर्शी और जवाबदेह शासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भागीदारी आधारित योजना को सुविधाजनक बनाया जाये। साथ ही कहा कि अभियान का क्रियान्वयन प्रभावी रूप से हो और जिसका लाभ वांछित लोगों को प्राप्त हो सके।