मीडिया और मनोरंजन उद्योग को लेकर मुंबई में हुए शिखर सम्मेलन WAVES 2025 के कुछ दिनों बाद शुक्रवार को जबलपुर में फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक सम्पन्न हुई।
जबलपुर
कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय किया गया कि जबलपुर में फिल्म सिटी के निर्माण में सभी की सहभागिता सुनिश्चित होगी। कलेक्टर ने कहा कि फिल्म सिटी का निर्माण पूर्णता पारदर्शी तरीके से होगा। उन्होंने कहा कि जमीन का हस्तांतरण टेंडर, ई टेंडर, ऑनलाइन आक्शन आदि के माध्यम से होगा। श्री सक्सेना ने बताया कि इसके लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की वेबसाइट और सभी समाचार पत्रों में निविदा निकालकर वेंडरों को कार्य साौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि फिल्म सिटी के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी जो वन टू वन मीटिंग करके योग्य वेंडरों का चयन करेगी। उन्होंने कहा कि शहर के कलाकार और निर्माताओं के अलावा बाहर से आने वाले निर्माता निर्देशकों को भी अवसर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाहर से जो भी आएगा वह स्थानीय सहयोग के बगैर अपना कार्य नहीं कर पाएगा। अतः सभी को मिलकर फिल्म सिटी के प्रोजेक्ट को सफल बनाना है।
जबलपुर के बरगी के निकट लगभग 450 एकड के क्षेत्रफल में फैली जमीन में फिल्म सिटी आकार लेगी। बैठक में एमपीटीबी के पर्यटन प्रबंधक तरुण मिश्र सहित नगर के कलाकारों तथा निर्माताओं ने भाग लिया।
एमपीटीबी तय करेगा एमओयू के लिए योग्यता –
जिला पुरातत्व पर्यटन और संस्कृति परिषद (जेएटीसीसी) के सीइओ श्री हेमंत सिंह ने कहा कि फिल्म सिटी के निर्माण के पूर्व एमपीटीबी एमओयू करेगा वह स्वयं तय करेगा कि इस कार्य के लिए कौन योग्य है। उन्होंने कहा कि फिल्म सिटी के निर्माण से जो इंडस्ट्री निर्मित होगी वह 100 से अधिक वेंडरों को काम प्रदान करेगी उन्होंने बताया कि कैमरामैन जैसे वेंडरों के पास स्वयं की 50 लोगों की टीम रहती है इस हिसाब से यह उद़योग हजारों को रोजगार देगा। श्री हेमंत सिंह ने कहा कि वेंडर के चयन की प्रक्रिया भी पारदर्शी होगी जिसमें आनलाइन जबलपुर सहित सभी नगरों के कलाकारों के बायोडाटा का अध्ययन सभी कर सकेंगे।
वन विभाग प्रदान करेगा एनओसी –
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि बरगी के निकट ग्राम गजना और तिनसा तिनसी के आसपास की जमीन पर फिल्म सिटी का चयन किया गया है जिसे एमपीटीबी स्वामित्व भी दे रहा है। वन विभाग की आपत्ति आयीं लेकिन उनका निराकरण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में लगभग छह माह का समय लगेगा।