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Saturday, June 21, 2025

भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया मेडिकल चिकित्सा शिक्षा विभाग

मध्यप्रदेश बना फर्जी नर्सिंग कॉलेज का अड्डा, आखिर किसकी शह पर फैलता यह अवैध कारोबार
भोपाल

क्या भोपाल नगर निगम मंत्री विश्वास सारंग से बंगले से चलती है

विजया पाठक-संपादक जगत विजन
मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग एक बार फिर चर्चा का विषय बन गये हैं। इस बार सारंग महापौर मालती राय के कार्यों में हस्तक्षेप के साथ साथ, पिछले कुछ समय से लगातार चिकित्सा शिक्षा विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में हैं। कोरोना संक्रमण के समय से लेकर अभी तक मंत्री सारंग के इशारे पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। खास बात यह है कि मंत्री सारंग के हस्तक्षेप के बाद ही पिछले दिनों प्रदेश के कई प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द किये जाने के आदेश जारी हुए हैं। सूत्रों की मानें तो मंत्री सारंग ने एक-एक नर्सिंग कॉलेज से ढ़ाई करोड़ रुपये से अधिक की मांग की थी। लेकिन जो नर्सिंग कॉलेज सारंग को मोटी रकम नहीं पहुंचा पाये सारंग ने उन नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को रद्द करवाकर प्रदेश के लाखों नर्सिंग स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। प्रदेश में फैलते अवैध नर्सिंग कॉलेज का कारोबार आखिर किसकी शह पर चल रहा है। यह भी महत्वपूर्ण है की इस मामले में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जब इस मामले में संज्ञान लिया तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। दरअसल मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज की मान्यता नर्सिंग संघ देता है जिसे मंत्री जी का वरदहस्त मिला हुआ है।
करोना में मेडिकल कॉलेजों से मिली मोटी कमाई
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की शहर के दो बड़े मेडिकल कॉलेज चिरायु और एलएन मेडिकल कॉलेज पर करोना काल में देखते ही बनी।शासन द्वारा करोड़ों रूपये का भुगतान इन दोनो अस्पताल को किया गया। इन अस्पतालों में हुई अव्यवस्था का सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया, गौरतलब है इन्ही दोनों अस्पताल में कोविड की दूसरी लहर में सबसे ज़्यादा मृत्यु हुई। सरकार ने इन अस्पताल का ऑडिट करवाना भी उचित नहीं समझा। कोविड के समय लाश के ऊपर पैसे कमाए गए। सारंग ने जब से चिकित्सा शिक्षा मंत्री का पदभार संभाला तभी से उन्होंने दोनों ही मेडिकल कॉलेजों के संचालकों से मुलाकात कर कोरोना संक्रमण के दौर में मोटी रकम दिये जाने का दबाव बनाया। कॉलेज संचालकों ने भी दबाव में मंत्री के इशारे पर कोरोना संक्रमण काल में जमकर लूट मचाई और लूट से कमाई का एक बड़ा हिस्सा मंत्री सारंग को भिजवाते रहे। सारंग द्वारा प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के साथ मचाई जा रही यह लूट की बात किसी से छुपी नहीं है यहां तक शिवराज सरकार के कुछ कैबिनेट मंत्री भी सारंग की इस कार्यशैली के विरुद्ध है और कई बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसकी शिकायत कर चुके हैं।
कोरोना काल में मचाई थी लूट
मंत्री विश्वास सारंग व उनके करीबियों ने कोरोना के संकटकाल में जमकर लूट मचाई। जिस समय प्रदेश में कोरोना का संकट अपने चरम पर था। उस समय सारंग और उनके करीबी लोगों ने रेमडेसीवर इंजेक्शन व अन्य दवाईयों की जमकर लूट मचाई थी। सूत्रों के अनुसार सारंग के करीबियों ने तो शहर के मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को भर्ती करवाने के लिये अस्पतालों के बेड उपलब्ध करवाने के नाम पर भी लोगों से मोटी रकम वसूली। यही नहीं जेके हॉस्टिपल में काम करने वाला एक कर्मचारी जब रेमडेसीवर इंजेक्शन की कालाबजारी करता पकड़ाया तो उस समय मंत्री सारंग ने ही बीच बचाव कर हॉस्पिटल की साख गिरने से बचाई थी। इस काम के बदले उन्होंने हॉस्पिटल प्रबंधन से हॉस्टिपल में अघोषित हिस्सेदार बनाने का दबाव बनाया था।
आंखों में क्यों पट्टी बांध रखे हैं मुख्यमंत्री
मंत्री विश्वास सारंग द्वारा प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग और प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों के साथ मचाई जा रही इस लूट की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को है। लेकिन अब तक मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कोई कार्यवाही करने के बारे में विचार करना तो दूर मंत्री विश्वास सारंग से इस बारे में स्पष्टीकरण भी नहीं मांगा। ऐसे में मुख्यमंत्री की नाक के नीचे चल रहा भ्रष्टाचार का यह गोरख खेल कब तक चलेगा इसका जबाव प्रदेश की जनता चाहती है। आखिर ऐसी क्या मजबूरी है मुख्यमंत्री शिवराज की, जिन्होंने मंत्री सारंग के नाम पर आंखों में पट्टी बांध रखी हैं।
चिकित्सा शिक्षा के बाद नगर निगम में भी दबदबा
विश्वास सारंग ने अभी तक जहां चिकित्सा शिक्षा विभाग पर ही जमकर दबाव बना रखा था। वहीं, अब उनका दबदबा नगर निगम भोपाल के कार्यालय व निगम की कार्यशैली पर दिखने लगा है। महापौर से लेकर अधिकतर आला अफसर उनके हिसाब से ही फैसले लेते हैं। यही कारण है कि जब भोपाल में महापौर मालती राय चुनाव जीतीं तो उसके बाद से ही विश्वास सारंग उनके साथ कदमताल करने लगे। यहां तक की महापौर मालती राय भी निगम से संबंधित कोई भी फैसला बिना सारंग की अनुमति के नहीं लेती हैं।
सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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