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Friday, June 20, 2025

89 विकासखंडों के ग्रामों में लागू पेसा एक्ट को समझाने पहुँचेंगे मास्टर्स ट्रेनर्स

पेसा एक्ट की जानकारी संबंधित वर्ग तक सरल भाषा में पहुँचाये – मुख्यमंत्री श्री चौहान

प्रशासन अकादमी में पेसा एक्ट पर हुई राज्य स्तरीय कार्यशाला

        जबलपुर, 22 नवम्बर, 2022

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के जनजातीय भाई-बहनों के हित में पेसा नियम लागू किए गए हैं। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन है। सरकारी अधिकारी और अन्य सभी वर्ग मिल कर इसे सफल बनाएँ। सामाजिक समरसता के साथ पेसा एक्ट के प्रावधान जमीन पर उतारे जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आर.सी.वी.पी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल में मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध, (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट कोई कर्मकांड नहीं, इससे जनजातीय वर्ग का जीवन बदलेगा। जनजातीय वर्ग को पेसा एक्ट सरल भाषा में समझाया जाए। राज्य स्तरीय कार्यशाला के बाद प्रदेश के 89 विकासखंडों के ग्रामों में लागू पेसा एक्ट को समझाने के लिए मास्टर्स ट्रेनर्स भी जिलों में पहुँचेंगे। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित कर लिया गया है। कार्यशाला में प्रमुख रूप से 20 जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, वन मंडल अधिकारी और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट से सामाजिक समरसता से सामाजिक क्रांति आएगी। उन्होंने एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्धारित शेड्यूल के अनुसार 31 दिसंबर तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके लिए ग्राम सभाएँ जरूरी कार्यवाही पूरी करें। सभी विभाग संवेदनशील होकर जुट जाएँ। एक्ट के प्रभाव क्षेत्र के बीस जिलों के 89 विकासखंडों में सभी व्यवस्थाएँ की जाएँ। दिए गए अधिकारों से जनजातीय वर्ग के जीवन स्तर में होने वाले सुधार को सोशल मीडिया पर प्रचारित किया जाए। यह एक्ट लागू होने से जनजातीय वर्ग की जिन्दगी बदलने का कार्य शुरू हुआ है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 15 नवम्बर से प्रदेश में पेसा के नियम लागू कर दिए गए हैं। अब 89 विकासखंडों में ग्राम सभाओं के गठन का कार्य प्रारंभ हो रहा है। इसकी जानकारी प्रशिक्षण में दी जा रही है। जनजातीय वर्ग को जल, जंगल, जमीन से जुड़े अधिकारों के साथ ही महिला सशक्तिकरण के अधिकार दिलवाने के लिए सभी सक्रिय हों, इस उद्देश्य से कार्यशाला की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जहाँ गौण खनिज से जुड़े अधिकार जनजातीय वर्ग को दिए जा रहे हैं, वहीं लघु वनोपज से जुड़े कार्य से उन्हें बेहतर ढंग से लाभांवित करने की पहल हुई है। खनिज पट्टों पर जनजातीय लोगों का पहला हक बनता है। सहकारी क्षेत्र और पानी के संरक्षण के अधिकार भी जनजातीय वर्ग को स्थानांतरित होंगे। मास्टर्स ट्रेनर बनाए जा रहे हैं। ये मास्टर्स ट्रेनर गाँव-गाँव में जाकर ट्रेनिंग देंगे। यह कार्यशाला इसलिए रखी गई ताकि कोई भ्रम न रहे। मैदानी स्तर पर जनजातीय भाई-बहनों को सशक्त करने के लिए बिना किसी विलंब के पेसा को लागू किया गया है। स्थानीय बोलियों में भी पेसा के नियम समझाए जाएंगे। गीतों, दीवार लेखन और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पेसा नियम के प्रावधानों की जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों सहित अन्य अमले की मनोवृत्ति में संशोधन आवश्यक है। अक्सर होता यह है कि संपन्न वर्ग अलग दुनिया बना लेता है। पिछड़े लोग अधिक पिछड़ जाते हैं। यह स्थिति बदलनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उदाहरण के लिए भारिया जनजाति के लोग सस्ते दाम पर चिरौंजी बेचने को विवश होते हैं। उनका शोषण नहीं होना चाहिए। पेसा नियम से ग्राम पंचायतें सशक्त होंगी। वनोपज का मामला हो, राजस्व का काम हो या फिर श्रमिकों की समस्याएँ, सभी का समाधान होगा। इस वर्ग की बेटियाँ कठिनाइयों में न पड़ें, इसके लिए भी प्रशासन पूरी तरह सजग हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेसा नियम के संबंध में प्रशासनिक अमला सकारात्मक मानसिकता बना कर सभी संबंधित लोगों को इसके नियम समझाये। एक्ट के संबंध में कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए। सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र के जनजातीय बहुल ग्रामों की ग्रामसभा, जिनमें अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्य भी शामिल हैं, अधिकार संपन्न होकर कार्य करेंगी। यह एक्ट किसी के विरोध में नहीं हैं। इसकी आवश्यक जानकारी संबंधित विभागों और अमले को दी जा रही है। एक्ट के क्रियान्वयन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित राजस्व, वन, जल संसाधन, कृषि और आबकारी विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 4 दिसंबर को जननायक टंट्या मामा की स्मृति में नेहरू स्टेडियम इंदौर में कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है, इसमें व्यापक भागीदारी रहेगी। राज्य शासन के मंतव्य के अनुसार पेसा नियम का संदेश और जानकारी लोगों तक पहुँचाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कमजोर वर्ग, गरीबी के आधार पर योजनाओं में लाभ लेने के लिये पात्र हैं। इनका हक हड़पने वालों को नेस्तनाबूद करें। दोषी लोगों को नौकरी से बाहर कर जेल भेजें। जिलों में अच्छा कार्य भी हो रहा, कोई गैप हो तो उसे समाप्त करें। कहीं लेन-देन की शिकायतें मिलें, उन्हें न छोड़ें। अवैध नशे के कारोबारियों को भी न छोड़ा जाये। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि एक्ट की मूल भावना जनजातीय वर्ग का कल्याण है। पुलिस थाना स्तर पर छोटे-मोटे विवादों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। यदि कोई अपराध थाने में पंजीबद्ध होता है तो उसकी सूचना ग्राम सभा को देना होगी। विभागों द्वारा एक्ट के क्रियान्वयन से संबंधित आवश्यक मार्गदर्शन भी निरंतर दिया जाएगा। मास्टर्स ट्रेनर्स द्वारा मैदानी अमले को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव ने कार्यशाला में हुए विचार-विमर्श की जानकारी दी। बुरहानपुर कलेक्टर की पहल पर निर्मित पेसा एक्ट से संबंधित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान को पेसा एक्ट पर केन्द्रित पुस्तिका भेंट की गई। कार्यशाला में विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने विभागीय कार्यों और पेसा एक्ट से जुड़े प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। श्री अमर पाल सिंह ने आभार व्यक्त किया।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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