किसी को जानकारी ही नहीं के सर्जन कब आएंगे
नसबंदी कराने पहुंची महिलाओं को बैठाया जमीन पर , परिजन हुए परेशान
मझौली जबलपुर
मझौली सरकारी अस्पताल में नसबंदी कराने लाई गई ग्रामीण क्षेत्रों से आशा कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं के बैठने तक नहीं है कोई व्यवस्था वही ग्रामीण इलाकों से मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची महिलाओं ने बताया कि नसबंदी शिविर में लाने पर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा पैसे लिए जाते हैं जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को भी
सरकारी अस्पताल परिसर में बैठी महिलाओं ने बताया की आपरेशन करने वाले डॉक्टर सर्जन के न आने से दोपहर से साम तक परेशान होती रही
मझौली सरकारी अस्पताल पहुंची नसबंदी कराने महिलाओं ने बताया कि यहा कोई जानकारी देने वाला भी नहीं है ओपरेशन करने वाले सर्जन डॉ कितने टाइम आ रहे हैं स्वास्थ्य केंद्र मझौली इस दौरान उनके साथ मौजूद परिजन महिलाओं को जमीन पर बैठाकर परेशान नजर आए. जमीन पर बैठी नसबंदी कराने वाली महिलाएं ठंड से जब ठिठुर रही थीं, तो उनके परिजन उन्हें कंबल उढ़ा रहे थे, ताकि उन्हें ठंड न लगे.
यहां नसबंदी के ऑपरेशन के लिए महिलाओं को जमीन पर बैठा दिया गया. इस वजह से सर्दी के मौसम में महिलाएं दर्द के साथ-साथ सर्दी से भी परेशान नजर आईं.
दरअसल, स्वास्थ्य केंद्र मझौली में महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन किया गया जाना था. इसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने महिलाओं को भर्ती कर लिया. मगर, उन्हें पलंग उपलब्ध नहीं कराया गया.
क्या कहते हैं जवाबदार
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक गैकवाड
स्वास्थ्य केंद्र मझौली में चल रहे नसबंदी शिविर मे जबलपुर में नियुक्त अधिकारीयों द्वारा डॉ सर्जन भेजे जाते है।