जिले में राइस मिलर्स द्वारा उपार्जित धान की भारी मात्रा में अफरातफरी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
जबलपुर
प्रशासन की जांच में पाया गया कि कुल 46 में से 43 राइस मिलें धान के अवैध परिवहन और गबन में संलिप्त पाई गईं। इस घोटाले की कुल राशि लगभग ₹43.02 करोड़ आंकी गई है।
जांच की प्रमुख बातें:
कुल 2,45,409 क्विंटल धान की अफरातफरी की गई, जिसमें से लगभग 1,87,026 क्विंटल अवैध रूप से परिवहन किया गया था।
फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर वाले 55 वाहन और ऐसे वाहन जिनकी लोडिंग क्षमता से अधिक धान दिखाया गया, जांच में सामने आए।
16 मिलर्स ने अकेले 1 करोड़ से अधिक मूल्य के धान की हेराफेरी की।
FIR दर्ज:
इस गबन में शामिल पाए गए 16 राइस मिलर्स और मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कॉर्पोरेशन (MPSCSC) के 11 अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज हुआ है।
प्रमुख आरोपी मिलर्स में शामिल हैं:
राधे कृष्णा एग्रो, मां नर्मदा एग्रो फूड्स, महालक्ष्मी इंडस्ट्रीज़, शिवाय राइस मिल्स, हंसवानी एंड संस, आयुषी एग्रो इंडस्ट्रीज़, जय भगवान जी फूड्स आदि।
सरकार की कार्रवाई:
16 मिलर्स के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
27 अन्य मिलर्स के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
सहकारी संस्थाओं और उपार्जन केंद्रों के कुछ अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
प्रशासन की चेतावनी:
जबलपुर प्रशासन ने साफ किया है कि इस प्रकार की गड़बड़ियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।