माझी आरक्षण,तालाबों व रेतवाड़ी के पट्टे की मांग को लेकर चल रहा है व्यापक जनजागरण ।
अमर नोरिया ( पत्रकार )
नरसिंहपुर
मध्यप्रदेश में राजनीतिक चतुराई का उपयोग करते हुए ढीमर,भोई, केवट, कहार, मल्लाह, निषाद के नाम पर मध्यप्रदेश की लगभग 70 विधानसभा सीटों पर हार जीत का निर्णायक फैसला करने वाले माझी समाज के वोटबैंक पर अपना कब्जा रखने के लिए माझी प्रकोष्ठ का गठन कर उसे अब मछुआरा प्रकोष्ठ बना दिया गया है,किंतु माझी के पर्याय नाम ढीमर ,भोई, केवट, कहार, मल्लाह, निषाद आदि हैं और इन पर्याय नामों को माझी जनजाति का लाभ,ग्राम पंचायतों में खोदे गये तालाबों व रेतवाड़ी के पट्टे, मछुआ क्रेडिट कार्ड की सुविधाएं कब मिलेंगी इस बात को लेकर मध्यप्रदेश के माझियों का सच्चा हितैषी कौन है ? यह सवाल अब मध्यप्रदेश के माझी बहुल क्षेत्रों और जागरूक माझियों के दिमाग में कोंधने लगा है । अंदरखाने से मिल रही जानकारी के अनुसार आने वाले 2023 में विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश में राजनीतिक दलों के कुशल रणनीतिकार हमारे समाज के कुछ लोगों को पुनः हमारा हितैषी बनाकर हमारे बीच में भेजने की प्लान और कार्ययोजना तैयार कर चुके हैं । ऐसी जानकारी भी है कि समाज के नाम पर कुछ समय बाद बड़े-बड़े सम्मेलन और मेल मुलाकात के आयोजन भी किए जाने की तैयारियां की जा रही हैं, हमारे समाज के लिए फिर यह परीक्षा की घड़ी है कि विगत 30 सालों से हमें माझी जनजाति का लाभ देने का झुनझुना पकड़ा कर हमारे वोट बैंक का इस्तेमाल करने वाले राजनीतिक दल और उनके इशारों पर काम करने वाले जो लोग हैं वह हमारे सच्चे हितैषी हैं या फिर केवल वोटों का गणित साध कर हमारा उपयोग करके हमें फिर मझधार में छोड़कर जाने की तैयारी कर रहे हैं । मध्यप्रदेश में अनेक शहरों में सार्वजनिक मंचों से माझी जनजाति के अधिकार को दिए जाने की घोषणा और वायदे कई बार किये जा चुके हैं । सत्ताधीशों से जब इन घोषणाओं पर अमल करने आरक्षण की मांग की जाती है तब चुप्पी साध लेते हैं तब कहीं ना कहीं ऐसा लगता है कि आखिर यह लोग माझी समाज के संवैधानिक हक और अधिकार के साथ वंशानुगत रोजगार की मांगों पर हमारे लोगों के साथ हैं या फिर अपने अपने राजनीतिक रणनीतिकारों के इशारे पर काम करके हमारे हक और अधिकार से वंचित करने की जो नीतियां हैं उसमें हमारा विरोध करने के लिए हमारे साथ हैं । समय आ गया है कि ऐसे लोगों को हमें पहचानना होगा और 2023 व 2024 के पहले जन जागरण अभियान के तहत मध्य प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में हमारे साथी सक्रिय रुप से कार्य कर रहे हैं उन्हें हमें हर संभव सहयोग और समर्थन देकर उनके साथ में आना होगा … जय निषाद राज ,जय जलदेव, हर हर नर्मदे ..