सिहोरा के खितौला तिराहे में दिनदहाड़े हुई 15 करोड़ की बैंक डकैती की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को आज बड़ी सफलता मिली है।
मझौली जबलपुर
मझौली थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत इंद्राना में डकैतों का ठिकाना उजागर हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी बीते 20 दिनों से यहां किराए के मकान में रह रहे थे और गांववालों को शक तक नहीं हुआ।
फर्जी आधार से मिला किराए का ठिकाना
जिस मकान में डकैत ठहरे थे, वह स्वर्गीय शंकर झरिया का है। उनके बेटे ने एक संदिग्ध को आधार कार्ड के आधार पर कमरा किराए पर दिया था, लेकिन जांच में पता चला कि आधार फर्जी था। आरोपी खुद को एक फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताकर गांव में घुलमिल गए थे।
गांव में खुली डकैतों की दिनचर्या
स्थानीय लोगों के मुताबिक, 4 से 7 लोगों का गिरोह यहां रह रहा था। वे ज्यादातर घर में ही रहते और बाहर निकलते तो साधारण कपड़ों में, ताकि कोई शक न करे। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके से शराब की बोतलें, सिगरेट के पैकेट, बुझी सिगरेट, टूथब्रश, टूथपेस्ट और टंग क्लीनर बरामद किया है — जो उनके लंबे समय तक यहां ठहरने के सबूत हैं।
पुलिस की दबिश और नेटवर्क की जांच
जैसे ही सूचना मिली, मझौली थाना पुलिस ने फॉरेंसिक टीम के साथ दबिश दी और इलाके को चारों ओर से घेर लिया। फिलहाल पुलिस पूरे नेटवर्क की जांच में जुटी है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन डकैतों को गांव तक पहुंचाने में किसका हाथ था। जबलपुर, कटनी, मंडला और डिंडौरी में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
ग्रामीणों में दहशत और सवाल
गांव में घटना के बाद दहशत का माहौल है। लोग हैरान हैं कि इतने बड़े अपराधी 20 दिन तक उनके बीच खुलेआम रह सकते हैं और पुलिस व प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।