इसके लिए मध्यप्रदेश की जनता को बधाई.
सवाल
1-हिंदी मीडियम से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टर साहेबान पीजी कोर्स किस भाषा में करेंगे। सुपर स्पेशलिटी कोर्स किस भाषा में करेंगे?
2-क्या ग्लोबल सेमिनार्स में शामिल होने का अवसर हिंदी वाले डॉक्टर साब लोगों को मिलेगा?
3-क्या हिंदी मीडियम से पढ़ने वालों के लिए अलग और अंग्रेजी मीडियम से पढ़ने वालों के लिए अलग क्लास होगी? अगर दोनों मीडियम वाले एक ही क्लास में बैठेंगे तो मास्टर साब किस भाषा में पढ़ाएंगे?
एक दोस्त का तर्क
बोला, हम जैसे हिंदी मीडियम लोग डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन अंग्रेजी के चक्कर में नहीं बन पाए। अब जबकि हिंदी मीडियम से डॉक्टरी की पढ़ाई होगी तो हम जैसे लोग डॉक्टर बन पाएंगे।
प्रार्थी ने याद दिलाया, जब एमबीबीएस की सीटें नहीं बढ़ेंगी, तब आप जैसे लोग पढ़ेंगे कहां बैठकर।
फिलहाल तो मध्यप्रदेश को बधाई