विगत 50 वर्षों से अधिक समय से मा सिंहवाहिनी यज्ञशाला प्रांगण में अखंड रूप से विराजमान हैं, जो बर्मन एवं रैकवार समाज की गहरी आस्था, सेवा एवं परंपरा का जीवंत प्रतीक बन चुकी हैं।
मझौली जबलपुर
यह धार्मिक स्थल न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक धरोहर और सामूहिक चेतना का प्रतीक भी है।
मा सिंहवाहिनी की यह स्थापना समाज की एकजुटता और पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही श्रद्धा का परिणाम है। वर्षों से समाजजन, निस्वार्थ भाव से सेवा कर इस पावन स्थल की व्यवस्था में निरंतर योगदान दे रहे हैं। यज्ञशाला परिसर में नवरात्रि, विशेष पूजा-अनुष्ठान, भंडारे और धार्मिक प्रवचन जैसे आयोजन समाज को एक सूत्र में बाँधते हैं।
बाजार प्लांट प्रांगण स्थित यह यज्ञशाला अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत बन चुकी है, जहाँ समाज की जड़ें मजबूती से जुड़ी हुई हैं। यहाँ प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन हेतु पधारते हैं, जिससे यह स्थान धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनता जा रहा है।
इस गौरवशाली परंपरा के 50 वर्षों के पूर्ण होने पर बर्मन एवं रैकवार समाज एक भव्य समारोह का आयोजन करने की तैयारी में है, जिसमें क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, संतों, समाजसेवियों और जनमानस की भागीदारी प्रस्तावित है।
यह अवसर ना केवल उत्सव का, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति, परंपरा और मूल्यों से जोड़ने का भी है।