खितौला में सैकड़ों भक्तों ने रथ को खींचकर खितौला को बनाया जगन्नाथ पुरी
सिहोरा–
भगवान जगन्नाथ के मौसी के घर से अपने घर लौटने के आयोजन को भव्यता प्रदान करते हुए खितौला वासियों ने ऐसा धार्मिक माहौल निर्मित किया कि आज संपूर्ण खितौला सिहोरा जगन्नाथ धाम बन गया। सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने नृसिंह मंदिर प्रांगण से बारी बहु स्टेडियम तक भगवान जगन्नाथ के रथ को अपने हाथों से खींच कर धार्मिक परंपरा का निर्वहन किया।
*धार्मिक परंपरा निभाते सिहोरा खितौला वासी-* पद्म पुराण के अनुसार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने अपने भाई जगन्नाथ से संपूर्ण नगर के भ्रमण की इच्छा व्यक्त की। बहन की इच्छा को पूरा करने के लिए भगवान जगन्नाथ ने भाई बलभद्र के साथ रथ में बैठकर बहन को पूरा नगर घुमाया। इस दौरान भगवान अपनी मौसी के यहां भी रुके। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए भक्त प्रतिवर्ष भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को सिहोरा खितौला में निकालते हैं। पहले सिहोरा के जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की प्रतिमा को सुंदर रथ में विराजमान कर खितौला तक लाया जाता है ।यहां राधा कृष्ण मंदिर को मौसी के घर का स्वरूप देते हुए भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना यहां हफ्तों तक की जाती है ।और इसके बाद पुनः भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचते हुए उन्हें मौसी के घर से सिहोरा पहुंचाने की परंपरा प्रतिवर्ष सिहोरा खितौला वासियों द्वारा की जाती है।धार्मिक महत्व से जुड़े इस आयोजन से सम्पूर्ण नगर में भक्तिमय वातावरण बन जाता है।