जन्मदिन पर आडवाणी को घर जाकर बधाई दी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
दिल्ली
8 नवंबर को पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का 95वां जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घर जाकर आडवाणी को जन्मदिन की बधाई दी। जन्मदिन पर बधाई देने की परंपरा को पीएम मोदी पिछले 8 वर्षों से निरंतर निभा रहे हैं। भारत की राजनीति के लिए अच्छी बात है कि 95 वर्ष की उम्र में लालकृष्ण आडवाणी स्वस्थ और प्रसन्न हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा को सफलता के इस मुकाम पर पहुंचाने में आडवाणी की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्ष 2013 में जब भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था, तब कई नेताओं ने आडवाणी की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। कांग्रेस वामपंथी दलों आदि के नेताओं ने आडवाणी के राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता भी जताई, लेकिन अब विपक्ष का कोई नेता आडवाणी को जन्मदिन पर बधाई नहीं दे रहा है। वहीं प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी घर जाकर बधाई देने की परंपरा को निरंतर निभा रहे हैं। मोदी समय समय पर आडवाणी के स्वास्थ्य की जानकारी भी परिजन से लेते रहते हैं। प्रधानमंत्री घर जाकर आडवाणी को बधाई देते हैं, इससे पता चलता है कि भाजपा की राजनीति में आडवाणी का कितना योगदान है। जन्मदिन पर राजनाथ सिंह द्वारा बधाई दिया जाना भी महत्वपूर्ण है। 2013 में जब राजनाथ सिंह भाजपा के अध्यक्ष थे, तब ही मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। उस समय राजनाथ सिंह ने ही प्रभावी भूमिका निभाते हुए वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी के बीच तालमेल भी बैठाया। राजनाथ सिंह का उस समय यह स्पष्ट कहना रहा कि नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त नेता है। भाजपा ने मोदी को जो जिम्मेदारी दी पर वे खरे भी उतरे हैं। मोदी के नेतृत्व में ही 2014 और 2019 में भाजपा को बहुमत मिला। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी आज भले ही कन्या कुमारी से कश्मीर तक की यात्रा निकाल रहे हों, लेकिन आडवाणी तो बहुत पहले ही कन्या कुमारी से कश्मीर तक की यात्रा निकाल चुके हैं। आडवाणी की यात्रा के संयोजक भी नरेंद्र मोदी ही रहे। आडवाणी ने यात्रा के समापन पर कश्मीर में जो संकल्प लिया उसी को पूरा करते हुए नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करवाया।