विगत दिवस पाठक मंच सिहोरा के द्वारा शासकीय महाविद्यालय सिहोरा के प्राणीशास्त्र विभाग में साहित्यिक विमर्ष का आयोजन किया गया |
सिहोरा
इस आयोजन में विभिन्न बोलियों के संकलन लोक मैत्रेय के पचेली खण्ड की रचनाओं पर विमर्ष किया गया |
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री अश्वनी पाठक ने की और श्रीमती सुषमा कलचुरि कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं | मंचासीन अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वालित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ | प्रमोद दहिया के द्वारा सुमधुर कंठ से मां वीणापाणि की वंदना की गयी| पचेली खण्ड में डॉ. कौशल दुबे के पचेल् और पचेली पर लेख के साथ साथ जाने माने गीतकार श्री विजय बागरी जी, श्री नारायण तिवारी जी, श्री राजकुमार महोबिया जी, श्री वीरेंद्र हल्दकार जी, श्री प्रमोद दहिया जी, श्री के. एल. हल्दकार जी, श्री अखिलेश खरे जी, श्रीमती आशा निर्मल जैन जी और श्रीमती प्रियंका मिश्रा जी की कविताएँ, कहानियाँ और लेख हैं | इन रचनाओं पर अंजुलता चौबे, अंजना खरे, आशा निर्मल जैन, नारायण तिवारी, दिलीप पटेल, प्रमोद दहिया, डॉ. अनंदीलाल कुर्मी और डॉ. अरुणा पाण्डे ने अपने विचार व्यक्त किये. श्री अश्वनी पाठक ने अध्यक्षीय उद्बोधन में विभिन्न भाषाओं बोलियों पर साहित्य रचना की आवश्यकता को बतलाया साथ ही लोक मैत्रेय की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की | पचेल खण्ड की रचनाओं की भाषा, समाजिकता और व्यंग पर सबने चर्चा की | आगे अन्य खण्डों पर भी पाठक मंच सिहोरा के द्वारा विमर्ष जारी रहेगा.