हम न उस समय सजग थे न आज हो रहे उपेक्षा के दंश तले दबा हमारा सिहोरा
निवेदक-लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति,सिहोरा
आगे तो आओ सिहोरावालो
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जब आप अपने सिहोरा के इतिहास पर नजर डालेंगे तो आपको निश्चित ही यह समझ आएगा कि आपकी और हमारी उस समय की लापरवाही का खामियाजा हमारी पीढ़ियाँ भोग रही।देखिए कैसे-*
1– पहली बार दिनाँक 21.10.2001 को सिहोरा को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने जिला बनाए जाने की घोषणा की
इसके बाद 11.07.2003 को सिहोरा जिला की चतुरसीमा निर्धारण का राजपत्र जारी हुआ।
माने 1 वर्ष 8 माह और 21 दिन के बाद
2– म प्र सरकार की कैबिनेट ने दिनाँक 01.10.2003 को सिहोरा जिला को कैबिनेट में मंजूरी दी
माने राजपत्र जारी होने के 2 माह 20 दिन के बाद
3– 01.10.2003 को शनिवार था,इस दिन कैबिनेट में मंजूरी मिली,02.10.2003 को रविवार था छुट्टी थी और 03.10.2003 को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई
माने हम सब जानते थे कि चुनाव होने है,और हुआ भी वही
4–फिर भी तत्कालीन सरकार ने आचार संहिता के दौरान ही निर्णय लिया कि आचार संहिता के कारण सिहोरा जिला लागू नही हो सकता अतः 26.01.2004 से इसे लागू किया जाएगा।
5– दिनाँक 05.06.2004 को मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती सिहोरा आईं और घोषित किया कि मैं सिहोरा को पुष्ट जिला बनाना चाहती हूँ इसलिए अब देवउठनी ग्यारस यानी नवंबर 2004 को जिला लागू करेंगे।
माने 5 माह 25 दिन बाद
इन तारीखों पर नजर डालिए और तारीखों के बीच के अंतर को भी देखिए और फिर सोचिए कि क्या आपने या उस समय के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने इन मिलती तारीखों के अंतर को कम करने के लिए क्या किया और कितनी रुचि ली?क्या 2001 में हमें पता नही था कि 2003 में चुनाव होंगे।2001 में हुई घोषणा के बाद “एक वर्ष 8 माह 21 दिन” बाद राजपत्र निकला,क्या इस अंतर को कम करने का प्रयास हुआ?जब बदली सरकार की मुख्यमंत्री भी सिहोरा जिला बनाने सहमत थी तो हमने उसे जिला लागू होने की तिथि 26.01.2004 से नवंबर 2004 तक का 7 माह 5 दिन का समय सहज ही क्यों दे दिया?
और आज 21.10.2001 से अब तक 21 वर्ष 1माह 29 दिन बीत गए,हम आज भी अपने सिहोरा के लिए उसके हक के लिए कुछ बोल नही पा रहे है।आइये आज शाम 5 बजे बस स्टैंड सिहोरा…..
अगर इस बार चल रही मुहिम आपका साथ न मिलने से विफल हुई तो आने वाले भविष्य को कोई कभी “सिहोरा जिला बने” ऐसा सोचेगा तक नही?
और अब फिर नवंबर 2023 में चुनाव होंगे यानी 12 माह के बाद,तो जागो,हिम्मत करो जोर लगा दो एक बार ।आओ सरकार से जोर से बोले-“सिहोरा की उपेक्षा अब बर्दाश्त नही,सिहोरा जिला बनाओ,सिहोरा जिला बनाओ”