सावन माह में बाबा महाकाल प्रजा का हाल जानने के लिए पालकी में सवार होकर राजा की तरह ठाट-बाट से निकलते हैं।
उज्जैन
संवादाता संजय शर्मा
इस सवारी की ख्याति उज्जैन ही नहीं विश्व भर में मशहूर है इसलिए सावन माह के हर सोमवार पर देशभर के श्रद्धालु उज्जैन में आते हैं और बाबा के नगर भ्रमण के दर्शन करते हैं ।
सवारी का महाकाल मंदिर से शिप्रा घाट और शिप्रा घाट से पुनः महाकाल आने का कुल मार्ग साडे़ 4 किलोमीटर है। हर बार यह देखा गया है कि सवारी मार्ग पर अब श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ होने के कारण सवारी मार्ग पर काफी तकलीफें आती हैं। लेकिन अब जल्द ही यह सवारी मार्ग देश का आदर्श और स्मार्ट मार्ग बनने जा रहा है। उज्जैन नगर निगम के महापौर और निगम कमिश्नर के अनुसार मार्ग को स्मार्ट मार्ग बनाने के लिए डीपीआर बनाकर मुख्यमंत्री को शीघ्र दी जाएगी। इस मार्ग पर आकर्षक लाइटें, चौराहों का धार्मिक अनुरूप सौंदर्यी करण, सवारी मार्ग पर आने वाली बिल्डिंगों का रंग रोगन और सजावट की जाएगी चाहे वह सरकारी हो या निजी तांकि श्रद्धालुओं को सवारी मार्ग पर एक आध्यात्मिक और धार्मिक अनुभव हो और यह मार्ग देश के लिए एक आदर्श मार्ग बने । आज रविवार को उज्जैन नगर निगम कमिश्नर रोशन सिंह महापौर मुकेश टटवाल और स्मार्ट सिटी की टीम के साथ अन्य जनप्रतिनिधियों ने सवारी मार्ग का निरीक्षण कर यह निर्णय लिया है ।