हुए निलंबित, आरटीआई से हुआ खुलासा
सतना
कहावत है चोर चोरी से जाए पर हेराफेरी से न जाए, ऐसा ही एक मामला जिले में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी करने वाले एक शिक्षक को महंगा पड़ गया। आपको बता दें कि कूट रचित दस्तावेज के सहारे फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी हथियाने वाले केशव चंद्र बर्मन जिले के शासकीय माध्यमिक शाला बहेलिया भाट संकुल केंद्र शासकीय माध्यमिक विद्यालय महुडर जिला सतना में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ थे। इसका खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट उदयभान चतुर्वेदी द्वारा लगाई गई एक आरटीआई आवेदन के जवाब में हुआ। जब आरटीआई में सहायक शिक्षक से संबंधित जानकारी मांगी गई तो पता चला कि यह फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर कई सालों से नौकरी कर रहा है। जबकि वास्तव में फर्जी शिक्षक केशव चंद्र बर्मन एक बंगाली परिवार से है, जो सामान श्रेणी में आता है। केशव चंद्र बर्मन ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर कई सालों तक सरकार की आंखों में धूल झोंक कर अनुसूचित जनजाति कोटे में नौकरी करते रहे हैं। इसका खुलासा शिकायतकर्ता उदयभान चतुर्वेदी के द्वारा सूचना के अधिकार में तहसीलदार अमरपाटन के लेखा अनुसार अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र जारी होना नहीं पाया गया। उक्त प्रकरण में जिम्मेदार शिक्षक केशव चंद्र बर्मन का जाति प्रमाण पत्र अवैधानिक पाया गया, जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने मध्य प्रदेश सिविल आचरण नियम 1965 के नियम के विपरीत होने के कारण केशव चंद्र बर्मन को मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल निलंबित कर विकासखंड शिक्षा अधिकारी उचेहरा नियमित कर दिया है।
इनका कहना है
मेरे द्वारा उक्त प्रकरण में आरटीआई आवेदन से जानकारी मांगी गई थी, जिसमें फर्जी जाति प्रमाण पत्र का खुलासा हुआ है। इस बात की शिकायत कलेक्टर महोदय से भी की गई है, जिस पर कार्यवाही करते हुए सहायक शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। उक्त प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर शिक्षक को बर्खास्त करने की मांग की गई है।