भारतीय संस्कारों में सिखाया गया है जीव मात्र से प्रेम करना – स्वामी अखिलेश्वरानंद जी महाराज
जबलपुर
समाज को एक सूत्र मे पिरोने तथा जातिगत वैमनस्य को समाप्त कर सामाजिक जीवन में एकात्मता के भाव को प्रतिपादित करने जिले में 16 अगस्त से निकाली जा रही स्नेह यात्रा का आज शनिवार को कुंडम पहुंचने पर स्थानीय नागरिकों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद जी गिरी के सानिध्य में निकाली जा रही स्नेह यात्रा का आज चौथा दिन था।
चौथे दिन स्नेह यात्रा का शुभारंभ कुंडम स्थित कुंडेश्वर धाम में पूजन से हुआ। यात्रा ने कुडंम, जैतपुरी, बैरागी, खिन्हा, जुझारी, तिलसानी, घुघरी, नवरगवां, बरई, हंसापुर, पड़रिया, अमझर होते हुये ग्राम आमाखोह से पनागर विकासखंड में प्रवेश किया। इस दौरान जगह-जगह यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया तथा जन संवाद के कार्यक्रम आयोजित किये गये। स्नेह यात्रा के दौरान ग्राम तिलसानी में सहभोज का आयोजन किया गया। विधायक श्रीमती नंदिनी मरावी भी सहभोज में शामिल हुई। तिलसानी में मां शारदा के पूजन के बाद जनसंवाद भी हुआ।
जनसंवाद को संबोधित करते हुये स्वामी अखिलेश्वरानंद जी ने बताया कि भारतीय संस्कारों में जीव मात्र से प्रेम करना सिखाया गया है। चींटी से लेकर हाथी तक सभी जीवों मे परमात्मा का चैतन्य रूप विद्यमान है ऐसा मानकर हम सबके प्रति शुभेच्छा रखते हैं और सबके कल्याण की कामना करते हैं। यही प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की सोच है। वे सभी में समान भाव रखते हैं। स्नेह यात्रा का उद्देश्य भी यही है कि सबसे प्रेम करो, नफरत किसी से मत करो। नफरत से कभी भी व्यक्ति के जीवन का उत्थान नहीं होता।
स्वामी अखिलेश्वरानन्द जी ने कहा कि जाति-पाति की मनुष्य की अपनी संकल्पना है। भारतीय संस्कृति में जाति आधारित अवधारणा कभी नहीं रही। व्यक्ति का गुण व्यक्ति के कर्म ही उसे श्रेष्ठ बनाते हैं। उन्होंने छुआछूत को सामाजिक अभिशाप बताते हुये कहा कि छुआछूत जहां धार्मिक दृष्टि से पाप है तो संवैधानिक दृष्टि से अपराध है। स्नेह की सरिता बहाकर हम छुआछूत को दूर कर सकते हैं। स्वामी जी ने कहा कि स्नेह यात्रा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल है। पूरे संत साधु महात्माओं का उन्हें संबल प्राप्त है। मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों में यह यात्रा निकाली जा रही है। प्रत्येक स्नेह यात्रा का नेतृत्व साधु संत ही कर रहे हैं और समाज में समरसता की मिठास घोलने का प्रयत्न कर रहे हैं।
स्नेह यात्रा में तिलसानी के बाद स्वामी जी ने ग्राम बटई में भी जनसमुदाय के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि जब तक हम सब सद्भाव, स्नेह एवं समरसता नहीं रखेगें तब तक स्नेह यात्रा पूर्ण नहीं होगी।
पांचवे दिन बारह गांवों का भ्रमण करेगी स्नेह यात्रा
सामाजिक समरसता का संदेश देने जिले में 16 अगस्त से महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद जी गिरी के नेतृत्व में निकाली जा रही स्नेह यात्रा पांचवे दिन रविवार 20 अगस्त को कुंडम विकाखंड के ग्राम अमझर से प्रारंभ होगी तथा आमाखोह होते हुये ग्राम पिपरिया उमरिया से पनागर विकासखंड में प्रवेश करेगी। पांचवे दिन स्नेह यात्रा ग्राम सोनपुर, वीरनेर, सुंदरपुर, घाना, रिठौरी, मटामर, कसही, भरदा एवं पड़रिया होते हुये पनागर पहुँचेगी। यात्रा के दौरान इन सभी स्थानों पर जनसंवाद के कार्यक्रम होंगे। पनागर में पांचवे दिन की स्नेह यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा।