जनता की सुरक्षा से खिलवाड़, वाहन की जांच व कार्रवाई की मांग
, बाकल।
प्रदेश सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित और निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित जननी एक्सप्रेस (108) सेवा ग्रामीण अंचलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। लेकिन बाकल क्षेत्र में इसी सेवा के अंतर्गत संचालित एक वाहन ने सुरक्षा व्यवस्था और नियम पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाकल में संलग्न एक जननी एक्सप्रेस वाहन अमानक नंबर प्लेट के साथ संचालित किया जा रहा है। वाहन पर एमए 55 आरयू 0158 लिखा हुआ है, जो सामान्य वाहन क्रमांक प्रणाली से पूरी तरह भिन्न है। नंबर की यह शैली न केवल संदिग्ध प्रतीत होती है, बल्कि यह पता लगाना भी कठिन बना देती है कि वाहन किस राज्य अथवा जिले में पंजीकृत है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि उक्त वाहन कई महीनों से क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। किंतु ग्रामीणों के अनुसार, वाहन की तकनीकी स्थिति अत्यंत खराब है — वाहन सेल्फ स्टार्ट नहीं होता और हर बार धक्का लगाकर स्टार्ट करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी स्थिति में आपातकालीन प्रसव जैसी परिस्थितियों में मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो जाता है।
वाहन से गायब है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
परिवहन विभाग ने सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाना अनिवार्य किया है। नियमों के उल्लंघन पर आम नागरिकों के चालान काटे जाते हैं, लेकिन शासकीय कार्य में लगे वाहन ही नियमों की अनदेखी करते दिखाई दे रहे हैं। जननी एक्सप्रेस वाहन में न केवल अमानक नंबर प्लेट लगी है, बल्कि हाई सिक्योरिटी प्लेट पूरी तरह गायब है। उसकी जगह रेडियम शीट पर हाथ से नंबर लिखा गया है, जो सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है और संदेह को जन्म देता है।
ग्रामीणों ने इस मामले की परिवहन एवं स्वास्थ्य विभाग से तत्काल जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि वाहन नियमों के अनुरूप नहीं है या तकनीकी रूप से अनुपयुक्त है, तो उसे सेवा से हटाया जाए और उसकी जगह मानक व सुरक्षित वाहन उपलब्ध कराया जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला न केवल जननी एक्सप्रेस योजना की विश्वसनीयता, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा से भी सीधे जुड़ा हुआ है, इसलिए प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
जब इस संबंध में जानकारी के लिए जय अंबे इमरजेंसी सर्विस के जिला प्रबंधक से संपर्क किया गया, तो उन्होंने अवकाश पर होने की बात कही। वहीं बहोरीबंद ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
स्थानीय नागरिकों की मांग है कि संबंधित विभाग तत्काल जांच कर जवाबदेही तय करे, ताकि ऐसी लापरवाही दोबारा न दोहराई जाए।




