आसपास के जिलों में फैला था चिटफण्ड कम्पनी का कारोबार
जबलपुर
नगद 25 लाख 70 हजार रुपये, 5 मोबईल एवं कार जप्त
थाना माढोताल अपराध क्रमंाक 355/23 धारा 420 भादवि तथा 3(1), 4 म.प्र. निक्षेपकोें के हितो का संरक्षण अधिनियम
*नाम पता गिरफ्तार आरोपी:-* रत्नेश सिंह असली नाम सूरज तिवारी पिता वंश गोपाल तिवारी उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम मोहद्दीपुर थाना झन्ना जिला गोरखपुर (उत्तरप्रदेश)
*जप्ती-* नगद 25 लाख 70 हजार रूपये, 05 नग मोबाईल एक वैगन आर कार क्रमंांक यू.पी. 53 डीयू 9360
थाना माढोताल में विवेक पुरी पिता उम्र लगभग 28 वर्ष निवासी ग्राम सोनतलाई थाना माढोताल ने लिखित शिकायत की कि रत्नेश सिंह के साथ काम करने वाला शिवांश पाण्डेय उसके घर व पेट्रोल पम्प में तीन चार माह से आ रहा था एवं कुछ पौधे भी लगाये थे तभी से इन लोगो से पहचान हुई थी शिवांश पाण्डेय ने एक दिन बोला मेरी कंपनी नेशनल एग्री बिजनेश की जिला की डीलरशिप ले लो मेरी कंपनी का कार्यालय श्रीराम परिसर कटंगी रोड सोना मैरिज गार्डन के पास है जिसमें कृषि से संबंधित प्रोडक्ट आप के यहां रखे जावेंगे और मेरे लड़के किसानो को नगद रूपये में बेचेंगे। इसके बदले आप के यहां रखने का मासिक किराया 28 हजार 500 रुपये एवं एक लड़के की सेलरी 12 हजार 500 रुपये एवं 299 रुपये मोबाईल का बिल देंगे। जिस पर वह तैयार हो गया इसके बाद रत्नेश सिंह जो शिवांश पाण्डेय का एरिया मैनेजर था उससे मिलने आया था, रत्नेश सिंह ने बोला कि यह काम करने के लिए सिक्योरटी के बतौर 5 लाख रुपये डिपोजिट करना होगा एवं हम 13 लाख 50 हजार रुपये का माल भेजेंगे जो आप अपने 5,00,000/-रुपये दो महिने में वापस ले लेना । उसने दिनांक 09/04/23 को 25,000/-रुपये नगद एवं दिनांक 02/05/23 को एक चैक 2,45,000/-रुपये एं दूसरा चौक 2,30,000 /- रुपये का बैंक ऑफ महाराष्ट्रा शाखा बेनीखेड़ा का रत्नेश सिंह दिया था। जिसके बदले रत्नेश सिंह ने उसे नेशनल एग्री बिजनेश का चैक 5 लाख /-रुपये का बतौर जमानत के रूप में दिया था। फिर बाद में रत्नेश सिंह के टीम के एस.के .मिश्रा आये जो अपने आपको एरिया मैनेजर बता रहे थे उन्होने कहां कि यूरिया डी.ए.पी. आदि प्रोडक्ट और भेजना है उसकी सिक्योरिटी के बतौर कुल रकम का 25 प्रतिशत और आरटीजीएस कर दीजिये। तब उसने कुल रकम का 15 प्रतिशत नेशनल एग्री बिजनश कंपनी के नाम पर 06/05/2023 को अपने खाते से 5 लाख 80 हजार /-रुपये कंपनी के एकाउंट में आरटीजीएस कर दिया।
रत्नेश सिंह, एस. के. मिश्रा एव