पर्यटन किसी भी देश या क्षेत्र के समृद्धि का प्रतीक हो सकता है।
जबलपुर
पर्यटन जहां सांस्कृतिक आधार पर लोगों को प्रभावित कर रचनात्मक विचार को जन्म भी देता है। वहीं आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में योगदान देता है। पर्यटन के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इसमें ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व प्राकृतिक धरोहरों से परिचित कराने के साथ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
जबलपुर पर्यटन की दृष्टि से एक समृद्ध जिला है। जिसमें भेड़ाघाट में संगमरमरी चट्टानों के बीच नर्मदा के धुआंधार जल प्रपात, चट्टानों के बीच हिलोर लगाती नर्मदा की लहरें, मदन महल पहाड़ी पर स्थित बैलेंसिंग रॉक, जीवन दायिनी मां नर्मदा के पवित्र घाट ग्वारीघाट की अद्वितीय सुंदरता की सौगात प्रकृति ने जबलपुर को दिया है। ऐतिहासिक व सांस्कृतिक दृष्टि से चौसठ योगनी का मंदिर, मदन महल का किला, तेवर स्थित त्रिपुर सुंदरी मंदिर, मझौली का विष्णु वराह मंदिर, मदन महल पहाड़ी पर स्थित पिसनहारी की मढि़या व वीरांगना रानी दुर्गावती की समाधि स्थल पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। मां नर्मदा पर निर्मित बहुउद्देशीय परियोजना रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध, सांस्कृतिक अभ्युदय की दृष्टि से विख्यात कचनार सिटी स्थित भगवान भोलेनाथ की विशाल प्रतिमा अपने आप में अद्वितीय है। उल्लेखनीय है कि इन पर्यटन स्थलों पर पहुंचकर पर्यटकों के मन में शांति, सौहार्द्र व समरसता का भाव स्वमेव परिलक्षित होता है। शासन-प्रशासन भी पर्यटकों की सुविधा के लिए इन क्षेत्रों में अधोसंरचनात्मक विकास कर आवागमन को सुगम बनाया है।