25.8 C
Jabalpur
Wednesday, August 27, 2025

जबलपुर कलेक्टर ने ली निजी अस्पताल संचालकों की बैठक

फायर एनओसी नहीं होने तथा पंजीयन की शर्तों में कमी पाये जाने पर
अस्पताल का पंजीयन निरस्त होगा
स्टॉफ को दें फायर सेफ्टी का प्रशिक्षण, नियमित अंतराल पर हो फायर सेफ्टी ड्रिल
उपकरणों की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की हिदायत
फायर सेफ्टी और इलेक्ट्रीकल सेफ्टी ऑडिट समय पर कराने के निर्देश

जबलपुर, 03 अगस्त, 2022

कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आज आयोजित बैठक में निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम संचालकों से अपने संस्थानों में सुरक्षा के सभी इंतजामों को सुनिश्चित करने तथा नियमित अंतराल से फायर सेफ्टी ड्रिल आयोजित करने एवं फायर सेफ्टी आडिट कराने के निर्देश दिये गये हैं। बैठक में अस्पताल संचालकों से कहा गया कि वे फायर अलार्म सिस्टम को दुरुस्त रखें, अग्निशमन यंत्रों तथा इलेक्ट्रिकल मशीनरी के उपकरणों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, अपने स्टॉफ को अग्निशमन यंत्रों के इस्तेमाल की तथा राहत एवं बचाव कार्य का अनिवार्यतः प्रशिक्षण भी दें।
कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई इस बैठक में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ जीतेन्द्र जामदार, नगर निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ, जिला पंचायत की सीईओ सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा, सयुंक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ संजय मिश्रा, डॉ राजेश धीरावाणी, सौरभ बड़ेरिया तथा सभी निजी अस्पतालों के संचालक एवं प्रबंधक मौजूद थे। बैठक के प्रारम्भ में न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुई अग्निदुर्घटना में मृत व्यक्तियों को दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई।
कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने बैठक में कहा कि न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल जैसी घटनाएं दुबारा न हो इसके लिये प्रशासन पूरी तरह सजग है। उन्होंने कहा कि मरीजों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। निजी अस्पतालों को पंजीयन अथवा पंजीयन के नवीनीकरण के लिये सभी औपचारिकताओं एवं मापदंडों को पूरा करना होगा। ऐसे जो अस्पताल औपचारिकतायें पूरी नहीं करेंगे उनका पंजीयन निरस्त कर दिया जायेगा।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि ऐसे निजी अस्पताल जिनके पास फायर एनओसी नहीं है उनके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। ऐसे अस्पताल नये मरीज भर्ती नहीं कर सकेंगे। डॉ इलैयाराजा ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों को निजी अस्पतालों के निरीक्षण के लिये नियुक्त किया गया है। निरीक्षण के दौरान बताई गई कमियों को भी निजी अस्पतालों को दूर करना होगा अन्यथा संबंधित अस्पताल का पंजीयन निरस्त किया जाएगा।
कलेक्टर ने बैठक में ट्रेनिंग, ड्रिल एवं कैपेसिटी बिल्डिंग पर जोर देते हुये कहा कि अस्पताल संचालकों को अग्निशमन यंत्रों व इलेक्ट्रिकल मशीनरी की गुणवत्ता के साथ-साथ तय समय पर फायर सेफ्टी आडिट एवं इलेक्ट्रिकल सेफ्टी आडिट भी कराना होगा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में नियमित अन्तराल पर न केवल फायर ड्रिल का आयोजन हो बल्कि इस दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के उपाय भी किये जायें। कलेक्टर ने कहा कि स्टाफ की ट्रेनिंग और लगातार अभ्यास से दुर्घटनाओं के समय राहत एवं बचाव कार्य बेहतर तरीके से संचालित किये जा सकेंगे।
कलेक्टर ने बैठक में प्रोविजनल फायर एनओसी की अवधि समाप्त होने के बाद टेम्परेरी फायर एनओसी के लिये आवेदन करने वाले अस्पतालों के फायर प्लान की जांच करने के निर्देश नगर निगम के फायर सेफ्टी अधिकारी को दिये हैं। उन्होंने कहा कि फायर प्लान की जाँच में पाई गई कमियों को दूर करने के बाद ही अस्पतालों को फायर एनओसी जारी की जाये। यदि कमियों को दूर नहीं किया जाता है तो ऐसे अस्पतालों का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही हो।
डॉ इलैयाराजा ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों से कराई जा रही जांच में मिली कमियों को अस्पतालों को दूर करने कहा जायेगा। इसके अलावा भी स्वास्थ्य, राजस्व पुलिस, नगर निगम एवं विद्युत सुरक्षा विभाग की सयुंक्त टीम बनाई जायेगी जो निजी अस्पतालों का निरीक्षण करेगी और पंजीयन के लिये सभी जरूरी मापदंडों एवं अनुमतियों का परीक्षण करेगी।
कलेक्टर ने बैठक में बताया कि निजी अस्पतालों के पंजीयन के मापदंडों, मरीजों की सुरक्षा के लिहाज से बरती जाने वाली सावधानियों तथा इस दिशा और क्या बेहतर किया जा सकता है इसके बारे में एक पुस्तिका तैयार की जायेगी। इसमें बेस्ट प्रेक्टिसेस को भी शामिल किया जायेगा और इसे अस्पताल संचालकों को दिया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि जबलपुर में भी कुछ अस्पताल ऐसे हैं जहां बेस्ट प्रेक्टिस अपनाई जा रही है। दूसरे अस्पताल संचालकों को भी इन अस्पतालों का भ्रमण कराया जायेगा।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि मरीजों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले निजी अस्पतालों के विरुद्ध प्रशासन अपनी ओर से सख्त कार्यवाही करेगा ही, लेकिन निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन और आईएमए को भी ऐसे अस्पतालों पर कार्यवाही करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुई दुर्घटना को देखते हुये नर्सिंग होम एसोसिएशन एवं आईएमए को ऐसे अस्पतालों की सदस्यता को समाप्त करने की कार्यवाही करनी होगी।
बैठक में अस्पतालों में आग से सुरक्षा तथा राहत एवं बचाव के उपायों की जानकारी एनडीआरएफ टीम द्वारा पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी गई। एनडीआरएफ टीम ने अस्पताल संचालकों को अग्निशमन यंत्रों के इस्तेमाल के तौर तरीके बताये। अस्पताल के स्टॉफ को इसका विधिवत प्रशिक्षण देने पर जोर दिया। अग्निशमन यंत्रों के रखरखाव पर ध्यान दिये जाने की जरूरत बताई गई तथा नियमित रूप से मॉक ड्रिल आयोजित करने पर जोर दिया गया।
नगर निगम के फायर सेफ्टी अधिकारी ने फायर एन ओ सी प्राप्त करने और इसके लिये जरूरी औपचारिक्ताओं की तथा प्रोविजनल, टेम्परेरी एवं परमानेंट फायर एनओसी के प्रावधानों की जानकारी दी। बैठक में बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। विद्युत सुरक्षा विभाग की ओर से भी अस्पतालों में विद्युत भार के अनुरूप बिजली के तारों का उपयोग, वायरिंग एवं विद्युत उपकरणों की सुरक्षा, अर्थिंग तथा विद्युत उपकरणों के मेंटेनेंस आदि पर भी जोर दिया गया।
बैठक में अस्पताल संचालकों की ओर से न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल जैसी दुर्घटना को रोकने प्रशासन को हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया। अस्पताल संचालकों ने इस बारे में क

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

Latest News

Stay Connected

0FansLike
24FollowersFollow
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Most View