विधायक आलोक चतुर्वेदी विधानसभा में सरकार से पूछेंगे सवाल
छतरपुर
विनोद मिश्रा
भोपाल में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान इस बार छतरपुर जिले से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाने की तैयारी है। छतरपुर विधानसभा के कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने सरकार से तीन महत्वपूर्ण प्रश्न पूछने की तैयारी की है। उन्होंने छतरपुर जिला अस्पताल में बंद पड़ी डिजिटल एक्सरे मशीन से जुड़े प्रश्न को स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष उठाने की तैयारी की है तो वहीं अमृत सहित अन्य जल आधारित योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार व आवारा मवेशियों से जुड़ी समस्या पर भी विधायक सदन में आवाज उठाएंगे।
श्री चतुर्वेदी ने प्रेस को दी जानकारी में बताया कि नियम 138 एक के तहत उन्होंने प्रमुख सचिव मप्र शासन के माध्यम से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी से प्रश्न प्रेषित करते हुए पूछा है कि छतरपुर जिला अस्पताल में दो माह पूर्व 70 लाख रूपए की लागत से डिजिटल एक्सरे मशीन लगाकर एक एक्सरे कक्ष बनाकर तैयार किया गया था लेकिन अस्पताल प्रबंधन के पास इस एक्सरे मशीन को संचालित करने के लिए फिल्म खरीदने का बजट नहीं है। फिल्म उपलब्ध न होने के कारण दो महीने से यह मशीन अस्पताल में धूल खा रही है और आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने इस पर सरकार से जवाब मांगा है। इसी तरह उन्होंने नियम 138 एक के तहत प्रमुख सचिव के माध्यम से मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया से दो अन्य महत्वपूर्ण सवाल किए हैं। एक सवाल में उन्होंने पूछा है कि छतरपुर में दो राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 34 एवं 39 गुजरते हैं। इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर बड़ी संख्या में आवारा मवेशियों ने डेरा डाल रखा है जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। छतरपुर जिले में लगभग 100 गौशालाएं संचालित एवं निर्माणाधीन हैं फिर भी गौवंश सड़कों पर मौजूद है जिसके कारण हादसों में उनकी मौत हो रही है एवं वाहन चालकों के साथ ही जानलेवा दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस पर सरकार क्या कर रही है? एक तीसरे प्रश्न में उन्होंने छतरपुर जिले के अंतर्गत करोडों रूपए से संचालित हो रही जल संरक्षण योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने सरकार को जानकारी दी है कि छतरपुर जिले में खुलेआम स्टापडेम, चेकडेम एवं नवीन तालाब निर्माण सहित अमृत सरोवर निर्माण में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। कई मामलों में जांच के बाद कमियां पकड़ी गईं फिर भी भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। उन्होंने सरकार से कार्यवाही की मांग करते हुए जवाब मांगा है।