सरकार द्वारा बनाए गए यातायात नियमों का उल्लंघन अब सिर्फ आम लोगों तक सीमित नहीं रहा।
मझौली जबलपुर
मझौली नगर परिषद खुद उन नियमों को ताक पर रखे हुए है, जिन्हें आम जनता पर सख्ती से लागू किया जाता है। शहर में नगर परिषद के कई वाहन बिना नंबर प्लेट, बीमा पॉलिसी और वैध पंजीयन दस्तावेजों के खुलेआम दौड़ रहे हैं।
RTI का भी नहीं मिला जवाब – क्या छिपा रही है नगर परिषद?
इस गंभीर मामले में पारदर्शिता की उम्मीद करते हुए एक जागरूक नागरिक द्वारा
सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत नगर परिषद कार्यालय, मझौली से इन वाहनों की जानकारी मांगी गई — जैसे कि: कितने वाहन नगर परिषद के स्वामित्व में हैं?
कितनों का बीमा वैध है?
कितने वाहनों का पंजीयन और फिटनेस प्रमाण पत्र मौजूद है?
लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि RTI के जवाब में नगर परिषद ने कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी। न तो वाहनों की संख्या बताई गई, न दस्तावेज़ उपलब्ध कराए गए। यह रवैया कहीं न कहीं सूचना छिपाने और गैरकानूनी गतिविधियों पर परदा डालने का इशारा करता है।
प्रशासन और ट्रैफिक विभाग की चुप्पी भी सवालों के घेरे में
जब आम जनता का वाहन बीमा खत्म होने पर चालान काटा जाता है, तो नगर परिषद को छूट क्यों? नगर के लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या “एक देश, एक कानून” का सिद्धांत सिर्फ किताबों तक सीमित रह गया है?
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले पर तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब RTI का जवाब तक नहीं दिया जा रहा, तो कहीं न कहीं नगर परिषद के कार्यों में पारदर्शिता की भारी कमी है।