कलेक्टर के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग की अनियमितताओं की हुई जांच
नरसिंहपुर
एसडीएम ने शिकायतों की जांच कर दिया प्रारंभिक प्रतिवेदन
जनसुनवाई और अन्य माध्यमों से स्कूल शिक्षा विभाग की वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं की लगातार गंभीर शिकायतें मिलने पर इनकी जांच के लिए कलेक्टर श्री रोहित सिंह ने 18 अगस्त को एसडीएम नरसिंहपुर श्री राजेश शाह एवं नायब तहसीलदार सुश्री रिचा कौरव को अधिकृत किया था। इस संबंध में एसडीएम श्री शाह ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का निरीक्षण कर प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन दिया है।
एसडीएम के प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के बीईओ एवं बीआरसी को चार्ज दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बगैर सक्षम अधिकारी की अनुमति के बड़ी संख्या में शिक्षकों को निलंबित कर उनकी मनचाही जगह पर अटैच कर नियमानुसार जांच पूर्ण न कर बहाल किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी ने स्वयं के हस्ताक्षर से स्वयं को वित्तीय अधिकार जारी किये। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा प्राथमिक शिक्षक हिरनपुर टोला श्री मोहम्मद अकरम हनफी को वेतन संबंधी कार्यों में सहयोग कर सुनियोजित ढंग से षड़यंत्र रचकर लगभग 27 लाख रूपये की शासकीय राशि के गबन में निलंबित किया गया। बीईओ गोटेगांव के कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड- 3 श्री अतुल मिश्रा जो वेतन देयक का कार्य कर रहे थे, उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बगैर किसी वरिष्ठ अधिकारी के अनुमोदन के श्री हनफी को विभागीय जांच में आंशिक रूप से दोषी पाये जाने के उपरांत एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी जाकर उनको बहाल किया गया। इस प्रकरण में श्री हनफी द्वारा राशि जमा करना गबन को स्वीकार करना है। इस प्रकरण में श्री हनफी एवं संबंधित लिपिक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाना थी, जो नहीं कराई गई। इसे गंभीर अनियमितता माना गया।
प्रथम दृष्टया प्रारंभिक जांच में जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती जेएस विल्सन द्वारा गंभीर अनियमिततायें, पद का दुरूपयोग, वित्तीय अनियमितता, नियमों की अनदेखी एवं स्वेच्छाचारिता करना पाया गया। इस संबंध में एसडीएम श्री शाह द्वारा अंतरिम प्रतिवेदन दिया गया है। इस जांच की फाइनल रिपोर्ट अभी आना है।