जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (रोकथाम, निवारण, प्रतिषेध) अधिनियम 2013 के के तहत उन सभी कार्यस्थलों पर आंतरिक समिति का पुनर्गठन करने के निर्देश दिये हैं, जहाँ कर्मचारियों की संख्या दस या उससे अधिक है।
जबलपुर
जिला कार्यक्रम अधिकारी के अनुसार ऐसे संस्थानों में सभी शासकीय, अर्द्ध शासकीय एवं निजी कार्यस्थल, उपक्रम, संस्था, सोसायटी, दुकान, बैंक एवं वित्तीय संस्थान, शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान, उद्यम, मनोरंजन संस्थाएं, शासकीय एवं निजी अस्पताल, स्टेडियम एवं खेलकूद संस्थाएं, विश्राग गृह एवं मॉल, कारखाने एवं निर्माण स्थल आदि शामिल हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनीष सेठ के मुताबिक ऐसे कार्यस्थलों पर जहाँ अधिकारियों या कर्मचारियों को मिलाकर 10 या 10 से अधिक कर्मकार कार्यरत हैं वहाँ गठित आंतरिक समिति जिनका कार्यकाल 3 वर्ष पूर्ण हो चुका है, उनका पुनर्गठन किया जाना अनिवार्य है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि आंतरिक समिति पीठासीन अधिकारी सहित कम से कम चार सदस्यों की होगी। पीठासीन अधिकारी कार्यालय में वरिष्ठ पद पर कार्य करने वाली महिला ही होगी। यदि कार्यस्थल में वरिष्ठ पद पर कोई महिला कर्मचारी कार्यरत नहीं है तो उसी नियोक्ता के अन्य कार्यालय या इकाईयों अथवा विभाग की महिला कार्मचारी को नामित किया जायेगा।
आंतरिक समिति के दो सदस्य भी संबंधितकार्यस्थल के ही होंगे। ये सदस्य पुरुष या महिला हो सकते हैं तथा ये महिलाओं की समस्याओं के लिए प्रतिबद्ध अथवा सामाजिक कार्य का अनुभव या कानूनी ज्ञान रखने वाले होंगे। इनके अलावा समिति में एक सदस्य सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली अशासकीय संस्थाओं से होगा, जिसे अधिनियम की जानकारी हो और महिलाओं के मुद्दों के प्रति संवेदनशील हों।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सभी संस्थानों को निर्देशित किया है कि महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (रोकथाम, निवारण, प्रतिषेध) अधिनियम 2013 अनुसार आपके कार्यालय एवं अधीनस्थ कार्यालयों में गठित आंतरिक समिति जिसका कार्यकाल 3 वर्ष पूर्ण हो चुका है उनका आगामी 3 वर्ष हेतु पुनर्गठन कर इसकी जानकारी कलेक्ट्रेट महिला एवं बाल विकास जबलपुर कक्ष क्रमांक-107 में प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि किसी भी कार्यस्थल पर समिति गठित न होने की स्थिति में अधिनियम अनुसार नियोक्ता पर 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान है।