मझौली के 15 वार्डों में लगभग एक दर्जन से भी ज्यादा हेडपंप बिगड़े पड़े हुए हैं वार्ड के रहवासियों की माने तो अनेक हेडपंप तो बरसों से खराब पड़े हुए हैं स्थानीय लोगों के द्वारा इन हैंडपंपों को सुधारने की अनेकों बार गुहार लगाई गई बावजूद इसके स्थानीय जनप्रतिनिधियो एवं वार्ड पार्षदों तथा पीएचई विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी
ज्ञात हो कि गर्मी का मौसम प्रारंभ हो गया है जिससे नगर में निश्चित तौर पर पूर्व की भांति जल संकट से लोगों को जूझना पड़ेगा
स्मरण रहे कि नगर परिषद मझौली के 15 वार्डों के अनेक हिस्सों में नल जल योजना के विधिवत संचालन ना होने के कारण ऊपरी ऊपरी बसाहटो में बने मकानों के नलों पर पानी न पहुंचने के कारण लोगों को पीने एव निस्तार के पानी का एकमात्र सहारा हेड पंप होते हैं परंतु नगर परिषद मझौली के पीएचई विभाग की लापरवाही के चलते नगर के लगभग एक दर्जन से भी अधिक हेडपंप बिगड़े पड़े हुए हैं इस दिशा में नगर के जागरूक नागरिक के द्वारा लिखित आवेदन देने के बावजूद भी नगर परिषद मझौली के पीएचई विभाग के अधिकारी अनिल पटेल के द्वारा एवं स्थानीय लोगों का कहना है कि पीएचई विभाग के कर्मचारियों के द्वारा हैंडपंप सुधार कार्य कम हेडपंप की पाइपलाइन निकालकर कभी वाटर लेबल तो कभी वोरबेल धंसने को बताकर पाइप निकाल लिए जाते हैं नगर परिषद मझौली पीएचई विभाग के द्वारा आज तक बिगड़े हैंडपंप को नहीं बनाया गया वही दूसरी ओर नगर परिषद के पीएचई विभाग के अधिकारी अनिल पटेल के द्वारा बताया गया है कि हैंडपंप सुधार सामग्री का अभाव के चलते नगर परिषद के बंद पड़े हैंडपंप को सुधारने मे परिशानियो का सामना करना पड़ रहा है
नगर की आम जनता का कहना है कि नगर परिषद मझौली में लिखित आवेदन देने के बावजूद भी हेडपंप मैकेनिक होने पर भी हेडपंप सुधारने नहीं आंतें जिससे यह समस्या धीरे धीरे विकराल रूप धारण करती जा रही है