छिंदवाड़ा जिले में Coldrif Syrup के सेवन से कई मासूम बच्चों की दर्दनाक मृत्यु ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।
भोपाल/छिंदवाड़ा,
यह घटना सिर्फ एक चिकित्सा त्रुटि नहीं, बल्कि मानवता पर करारी चोट है। जांच में पाया गया है कि इस सिरप में डाय-एथिलीन ग्लाइकॉल (48.6% w/v) जैसे *विषाक्त रसायन की मौजूदगी है, जो बच्चों के जीवन के लिए अत्यंत घातक साबित हुआ।
जैसे ही यह रिपोर्ट सामने आई, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित और कड़े कदम उठाते हुए प्रदेशभर में इस सिरप की बिक्री और वितरण पर *तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है
Coldrif Syrup की सभी दुकानों, अस्पतालों और मेडिकल स्टोर से तुरंत जब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इन जब्त दवाओं को नष्ट नहीं किया जाएगा, ताकि कानूनी प्रक्रिया में उनका उपयोग किया जा सके।
2. इस दवा की आगे से बिक्री एवं वितरण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
3. सभी संदिग्ध बैचों के नमूने जाँच प्रयोगशालाओं को भेजे जा रहे हैं, ताकि सटीक विश्लेषण किया जा सके।
4. प्रदेशभर में अन्य बैचों की उपलब्धता रोककर उनके *नमूने भी परीक्षण के लिए* एकत्र किए जा रहे हैं।
5. इस दवा को बनाने वाली कंपनी Sresan Pharmaceutical (कांचीपुरम, तमिलनाडु) के अन्य सभी उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है, और उनके भी नमूने परीक्षण के लिए भेजे जा रहे हैं।
6. राज्यभर में इस संदिग्ध दवा की हर स्तर पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दिए गहन जांच के आदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस हृदयविदारक घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए प्रदेश स्तर पर विशेष जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह टीम पूरे मामले की *गहराई से जांच* करेगी और दोषियों की पहचान कर उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
हम अपने बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हालत में बख्शेंगे नहीं। दोषियों को सजा दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएँगे।” — डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश
स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी Coldrif Syrup उपलब्ध हो, तो उसकी सूचना तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य अधिकारी या पुलिस प्रशासन को दें। किसी भी स्थिति में इस दवा का उपयोग न करें और दूसरों को भी सावधान करें
एक सवाल जो अब भी गूंज रहा है: मासूमों की जान लेने वाला ज़िम्मेदार कौन?
इस दर्दनाक हादसे ने दवा निर्माण और गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह लापरवाही है या आपराधिक साजिश? आने वाले दिनों में जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी,