वर्षो से चलन राजनीतिक बिगड़ गया हे, आज अपराधिक पृष्ठभूमि वाले कई राजनेता, राजनीतिक दलों मे शीर्ष पद पर सुरक्षित करने मे कामयाब रहे हैं
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कुछ मामलों में तो सुरक्षित करने मे कामयाब बने रहे और कुछ मामलों में तो राज्य और केन्द्र सरकारों के मंत्री भी बन गए हैं, इसका पूरे देश पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है l राजनीति के अपराधीकरण के कारण शासन की गुणवत्ता मे भी गिरावट आयी है आपराधिक पृष्ठभूमि वाले राज नेता अक्सर जनता की सेवा करने के बजाय अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए अधिक चिंतित होते हैं इसके कारण जवाब देही की कमी, अक्षमता और खराब निर्णय लेने की क्षमता आयी है, जिसका देश के विकास पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है, इस मामले मे भारत सरकार के सर्वोच्च न्यायालय ने भारत के चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश जारी का निर्देश दिया है कि अपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवार को राजनीति दलों द्वारा चुनाव लड़ने के लिए टिकिट नहीं दिया जाये और कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि उम्मीदवारों को अपने नामांकन पत्र मे अपने अपराधिक रेकार्ड का खुलासा करना होगा l।
“अपराध मुक्त एवं सक्षम राजनीतिक व्यवस्था हेतु पहल” पर आधारित है।
अपराध मुक्त और सक्षम राजनीतिक व्यवस्था एक ऐसा लक्ष्य है जिसे प्राप्त करने के लिए कई उपाय अपनाए जाते हैं। एक सक्षम राजनीतिक व्यवस्था के लिए उचित कानूनी और नैतिक मानकों का पालन करना होता है, जिससे अपराधों को रोका जा सकता है और न्याय के साथ अपने नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है।
इसलिए, अपराध मुक्त राजनीतिक व्यवस्था के लिए, निम्नलिखित उपायों का अनुसरण किया जाना चाहिए:
1- सक्षम और निष्पक्ष न्याय प्रणाली का संचालन करना चाहिए जो दोषियों के लिए सख्त सजा हो जो समाज की निर्माण और विकास में बाधा डालते हैं।
2- अपराध की रोकथाम के लिए सक्षम और अधिक सुरक्षित पुलिस बल को तैयार करना चाहिए जो अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकते हैं।
3- नागरिकों को अपराधों के खिलाफ अधिक सतर्क बनाए रखने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।
4- नागरिकों को अपने आसपास के समाज के लोगों की सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।