जबलपुर जिले में खरीफ की फसल अपनी परिपक्व अवस्था में आ चुकी है
जबलपुर, 29 सितम्बर, 2022
सितम्बर माह के अंत तक जबलपुर में औसत के अनुरूप बारिश हो चुकी है, और उत्पादन भरपूर होने की संभावना देखी जा रही है। उपसंचालक कृषि जबलपुर डॉ. एस.के. निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार धान की जिले में कुल 1 लाख 71 हजार 130 हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हुई है।
उपसंचालक कृषि डॉ. निगम ने बताया कि वर्तमान में धान की फसल में आभासी कडवा रोग एवं झोका या ब्लास्ट रोग की प्रारंभिक अवस्था देखी जा रही है। जिसकी रोकथाम के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह द्वारा किसानों को खेत में जल का भराव न होने देने की सलाह दी गई है। ट्राइसाइक्लाजोल + एजोक्सीस्ट्रोबिन 90 मिली लीटर प्रति एकड़ अथवा कॉपर ऑक्सीक्लोराइड दवा 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव कर सकते हैं। किसानों से कहा गया है कि रोग के लक्षण दिखते ही इन रसायनों में से किसी एक का प्रथम छिड़काव करें। आवश्यकतानुसार दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 12 से 15 दिन के अंतराल पर करें। झोंका या ब्लास्ट रोग में पत्तियों पर आंख के आकार के धब्बे दिखाई देते हैं। तने की गांठों व दानों पर भी ये धब्बे दिखाई देते हैं।
अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी ने कृषकों को सलाह देते हुए अनुरोध किया कि उत्तम गुणवत्तापूर्ण की दवा लें, साथ ही दवा लेते समय विक्रेता से बिल अवश्य लें। अन्य खरीफ फसलें भी अच्छी अवस्था में है। मोटे अनाज में कोदो-कुटकी की फसल का क्षेत्र भी बढ़ा है। शहपुरा, पाटन क्षेत्र में मटर की बोवनी भी शुरू हो गई है, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी रजनीश दुबे ने सलाह दी है कि बीजोपचार करने के बाद बौनी करें। किसी भी जानकारी या सलाह के लिए विकासखंड कृषि कार्यालय में संपर्क करने का अनुरोध किया गया है।