जबलपुर जिले के तहसील मझौली में बिना अनुमति भवन निर्माण के कार्य कुकरमुत्तों की तरह उगे अतिक्रमण कारियो पर प्रशासन मेहरबान : नगर में जाम के चलते आम आदमी परेशान क्यों ?
खबर खास मझौली से शिवम साहू
मझौली में बढ़ते अवैध बिना अनुमति भवन निर्माण कार्य करने वालो पर लाचार नजर आ रहा है प्रशासन
नगर मझौली की सड़कों पर हर घंटे जाम की स्थिति बनी रहती है कुछ ही दिनों पहले एक एक्सीडेंट में दो लोगों की मौत हो गई। बावजूद इसके न कोई न कार्रवाई अतिक्रमण कारियो पर और न ही प्रशासन कुंभकर्णी नींद से जागा प्रशासन
हादसा होने के बाद भी कुंभकर्णी नींद से प्रशासन और राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि नहीं जागे। नगर को मिले डिवाइडर रोड का भूमि पूजन शिलान्यास होने के बावजूद भी नगर मझौली की जनता को डिवाइडर रोड की सौगात और बढ़ती ट्रेफिक जाम की समस्या से आखिर कब निजात मिल पाएगा।
नगर मझौली में ट्रेफिक जाम आम है।
नगर में राजनीतिक पार्टियों द्वारा डिवाइडर रोड राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है।
कभी 30फिट पर नपाई कराई गई तो कभी 40 फिट पर पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं तत्कालीन पाटन विधानसभा विधायक अजय विश्नोई के द्वारा 30 फिट पर डिवाइडर की अनुमति प्रादान की गई थी।
जब कांग्रेस की 15 महिने की सरकार थी और तत्कालीन विधायक पाटन कांग्रेस के नीलेश अवस्थी थे।तब कांग्रेस की सरकार में डिवाइडर रोड का भूमि पूजन शिलान्यास किया गया था तब भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री और तत्कालीन पाटन विधायक अजय विश्नोई जी के द्वारा 30फिट डिवाइडर रोड निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी।
जब अब भाजपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और तत्कालीन विधायक अजय विश्नोई है तो फिर नगर में डिवाइडर रोड निर्माण कार्य शुरू क्यों नहीं किया जा रहा है।
जिसमें नगर मझौली और आसपास ग्रामीणों को नगर मझौली में बढ़ते अतिक्रमण एवं ट्रेफ़िक जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
नगर मझौली में मस्तराम चौहान बंस स्टैंड का निर्माण 2004 में कराया गया है।जो की शराबियों का अंड्डा बना हुआ है।
पुनः एक बार 2021/22 में मस्तराम चौहान बंस स्टैंड का पुनर्निर्माण कराया गया यह सब होने के बाद भी नगर परिषद मझौली, एवं, तहसीलदार मझौली, के द्वारा बंस स्टैंड से बसों का संचालन नहीं करवाया जा रहा है। जिससे नगर के चारों रोड़ पर बसों के खड़े होने से नगर में ट्रेफिक जाम की स्थिति लगातार बनी रहती है। नगर मझौली में पार्किंग व्यवस्था न होने से सड़क पर जाम की स्थिति लगातार बनी रहती है।
इसे हम क्या कहें?
बिना अनुमति के हो रहे भवन निर्माण और बढ़ते अतिक्रमण कुकरमुत्तों की तरह पैदा हो गए हैं। चंद वोटो की लालच में नगर मझौली के चौराहों पर बढ़ते अतिक्रमणकारियो के कारण नगर की ट्रेफिक व्यवस्था शून्य है जबकि नगर परिषद द्वारा अस्थाई दखल बाजार बसूला जाता है। व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त करने के नाम पर मनमाना पैसा वसूला जा रहा है वहीं पार्किंग की कोई व्यवस्था न होने से आम आदमी परेशान हो रहा है,आलम यह कि जाम के चलते मरीज नियत समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से काल के गाल में समा जाता है।
जिला प्रशासन खामोश होकर सब देख रहा है।किसी की मजाल नही कि इस अव्यवस्था पर कोई कार्यवाही कर सके।
नगर के सभी रोडो में बढ़े अतिक्रमणकारियो के कारण एंबुलेंस फस रहीं पर प्रशासन की लापरवाही से मरीज की जान तक चली जाती है। आख़िर जबाबदार कौन?…… प्रशासन?