ई-टोकन के साथ-साथ ऑफलाईन टोकन से भी वितरित होगी खाद
जबलपुर
किसानों को उर्वरक वितरण की जबलपुर जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू की गई नई व्यवस्था ”ई-टोकन एवं उर्वरक वितरण प्रणाली” से ई-टोकन जनरेट करने में किसानों को आ रही कठिनाईयों को देखते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार 15 अक्टूबर से नई व्यवस्था के साथ-साथ पुरानी ऑफलाईन व्यवस्था से भी किसानों को टोकन जारी करने का निर्णय लिया है। उर्वरक प्राप्त करने के लिए किसानों को ऑफलाईन टोकन तहसील कार्यालय अथवा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय से ही प्रदान किये जायेंगे। इस संबंध में कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक ई-टोकन जरनेट कर उर्वरक लेने वाले किसानों को उनकी पात्रता अनुसार पूरी उर्वरक की मात्रा सीधे उपलब्ध करवाई जायेगी साथ ही सभी डबल लॉक केन्द्रों पर ई-टोकन वाले किसानों के लिए अलग काउंटर की व्यवस्था रहेगी जिससे उन्हे उर्वरक प्राप्त करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो। प्रत्येक डबल लॉक केन्द्र, एम.पी.एग्रो केन्द्र हेतु अधिकतम 100-100 टोकन एवं सहकारी विपणन समितियों हेतु अधिकतम 50-50 टोकन प्रति दिवस जारी किए जायेगें, जिससे कृषकों को लंबी लाईन में लगने की स्थिति निर्मित न हो।
कलेक्टर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ऐसे कृषक जिनका ई-टोकन किसी कारण से जनरेट नहीं हो पा रहा है या जिनके पास पूर्व के ऑफलाइन टोकन है, उन कृषकों को अपने पुराने टोकन के साथ तहसील कार्यालय में जाकर उनका सत्यापन करवाना होगा। तहसील कार्यालय में मौजूद स्टॉफ पहले उनका ई-टोकन जनरेट करने में मदद करेगा तथा ई-टोकन जनरेट नहीं होने की स्थिति में भूमि के दस्तावेज के आधार पर ऑफलाइन टोकन देगा। ऐसे कृषकों को उनकी भूमि के आधार पर एक बार में अधिकतम 10 बोरी यूरिया तथा उपलब्धता के आधार पर एनपीके, एमओपी, टीएसपी, एसएसपी प्रदाय किया जायेगा।
दिशा निर्देशों के मुताबिक निजी उर्वरक विक्रेता भी ई-टोकन जनरेट नहीं होने पर ऑफलाइन उर्वरक देने के लिए इसी प्रकार की व्यवस्था का पालन करेगें। साथ ही उनके द्वारा कृषकों के भूमी के दस्तावेज की छायाप्रति रखते हुए रजिस्टर में रिकार्ड का संधारण करना आवश्यक होगा तथा उर्वरक निरीक्षक एवं अधिकारियों के निरीक्षण के समय उन्हें यह रिकार्ड उपलब्ध भी कराना होगा। दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि प्राथमिक साख सहकारी समितियों को भी इसी प्रक्रिया का पालन करना होगा।
दिशा-निर्देशों में सभी संबंधित को प्रतिदिन ऑफलाइन टोकन से विक्रय की गई उर्वरक की मात्रा की जानकारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के माध्यम से अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।
अब तक ढ़ाई हजार से अधिक ई-टोकन जनरेट –
किसानों को उर्वरक के वितरण की जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 6 अक्टूबर से प्रांरभ हुई ”ई-टोकन एवं उर्वरक वितरण प्रणाली” के तहत सोमवार तक 2 हजार 546 किसानों के ई-टोकन जनरेट हो चुके थे। उप संचालक कृषि डॉ. एस के निगम ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत किसानों द्वारा सोमवार तक 860 मीट्रिक टन उर्वरक का उठाव भी किया जा चुका है।